दसवीं में टॉप करने वाले शिवम को नहीं मिला एडमिशन

दसवीं परीक्षा में कटनी में पहला और प्रदेश में दसवां स्थान पाने वाले शिवम को कोई भी सीबीएसई स्कूल एडमिशन देने तैयार नहीं है.
दसवीं परीक्षा में कटनी में पहला और प्रदेश में दसवां स्थान पाने वाले शिवम को कोई भी सीबीएसई स्कूल एडमिशन देने तैयार नहीं है.
- ETV MP/Chhattisgarh
- Last Updated: May 31, 2015, 2:02 PM IST
दसवीं परीक्षा में कटनी में पहला और प्रदेश में दसवां स्थान पाने वाले शिवम को कोई भी सीबीएसई स्कूल एडमिशन देने तैयार नहीं है.
अच्छे नंबर लाने के बावजूद सीबीएससी स्कूल के प्रिंसिपल ये कहकर उसे उसे स्कूल से खाली हाथ लौटने को मजबूर कर रहे हैं कि प्रदेश के शासकीय स्कूलों में बच्चे नकल से पास होते हैं और ऐसे बच्चों को वे अपने स्कूल में दाखिला नहीं देना चाहते हैं.
अब शिवम और उसके माता-पिता हैरत में हैं कि जिस शिवम को स्कूल शिक्षा मंत्री ने अपने हाथों से सम्मानित कर प्रदेश का नाम ऊंचा करने की उम्मीदें जताई, अब उसी शिवम को प्रदेश के सीबीएससी स्कूल एडमिशन देने तैयार नहीं हैं.
शिवम 12वीं पास करने के बाद आईआईटी की परीक्षा में बैठना चाहता है. ऐसे में वह सीबीएसई बोर्ड में पढ़कर अपनी तैयारी अच्छी करना चाहता है. जब शिवम अपने मुंहबोले भाई के साथ एडमिशन के लिए जबलपुर के सीबीएसई स्कूल पहुंचा. हालांकि, इन स्कूलों ने शिवम को एडमिशन देने की बजाए ये कहकर लौटा दिया कि शासकीय स्कूलों में बच्चे नकल से पास होते हैं.स्कूल प्रिंसिपल के ऐसे जबाव से शिवम के मन को बहुत ठेस पहुंची है. शिवम अब भी कोशिश में है कि उसे किसी तरह सीबीएससी स्कूलों में दाखिल मिल जाए ताकि वो बेहतर तरीके से अपनी शिक्षा पूरी कर सके.
आप hindi.news18.com की खबरें पढ़ने के लिए हमें फेसबुक और टि्वटर पर फॉलो कर सकते हैं.
अच्छे नंबर लाने के बावजूद सीबीएससी स्कूल के प्रिंसिपल ये कहकर उसे उसे स्कूल से खाली हाथ लौटने को मजबूर कर रहे हैं कि प्रदेश के शासकीय स्कूलों में बच्चे नकल से पास होते हैं और ऐसे बच्चों को वे अपने स्कूल में दाखिला नहीं देना चाहते हैं.
अब शिवम और उसके माता-पिता हैरत में हैं कि जिस शिवम को स्कूल शिक्षा मंत्री ने अपने हाथों से सम्मानित कर प्रदेश का नाम ऊंचा करने की उम्मीदें जताई, अब उसी शिवम को प्रदेश के सीबीएससी स्कूल एडमिशन देने तैयार नहीं हैं.
शिवम 12वीं पास करने के बाद आईआईटी की परीक्षा में बैठना चाहता है. ऐसे में वह सीबीएसई बोर्ड में पढ़कर अपनी तैयारी अच्छी करना चाहता है. जब शिवम अपने मुंहबोले भाई के साथ एडमिशन के लिए जबलपुर के सीबीएसई स्कूल पहुंचा. हालांकि, इन स्कूलों ने शिवम को एडमिशन देने की बजाए ये कहकर लौटा दिया कि शासकीय स्कूलों में बच्चे नकल से पास होते हैं.स्कूल प्रिंसिपल के ऐसे जबाव से शिवम के मन को बहुत ठेस पहुंची है. शिवम अब भी कोशिश में है कि उसे किसी तरह सीबीएससी स्कूलों में दाखिल मिल जाए ताकि वो बेहतर तरीके से अपनी शिक्षा पूरी कर सके.
आप hindi.news18.com की खबरें पढ़ने के लिए हमें फेसबुक और टि्वटर पर फॉलो कर सकते हैं.