भाजपा MLA शरद कोल का 'बदला' मन, कमलनाथ सरकार की बढ़ सकती है धड़कन

शरद कोल ने मॉब लिंचिंग के प्रस्ताव पर दिया था कमलनाथ सरकार को समर्थन.
मॉब लिंचिंग विधेयक (Mob Lynching Bill) पर कांग्रेस के पक्ष में वोट करने वाले भाजपा विधायक शरद कोल (BJP MLA Sharad kol) अपना पाला बदल सकते हैं. इससे कमलनाथ सरकार (Kamal Nath government) को परेशानी हो सकती है.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: September 19, 2019, 5:48 PM IST
जबलपुर. मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) और कमलनाथ सरकार (Kamal Nath government) के बीच जबर्दस्त घमासान चल रहा है. जबकि दो महीन पहले पार्टी की नींद उड़ाने वाले भाजपा विधायक शरद कोल (BJP MLA Sharad kol) अब कांग्रेस को बेचैन कर सकते हैं. मॉब लिंचिंग विधेयक (Mob Lynching Bill) के बाबत कांग्रेस के पक्ष में वोट करने के बाद कांग्रेस सरकार की और झुकाव दिखाने वाले विधायक अब फिर अपना पाला बदल सकते हैं.
कमलनाथ सरकार की बढ़ सकती हैं धड़कनें
अल्पमत का ठप्पा लिए मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज़ कमलनाथ सरकार की धड़कनें फिर तेज़ हो सकती हैं. दरअसल, दो महीने पूर्व विधानसभा सत्र के दौरान मॉब लिंचिंग विधेयक में कांग्रेस के पक्ष में वोट डालकर प्रदेश में सियासी उठापटक का माहौल बनाने वाले ब्यौहारी भाजपा विधायक शरद कोल के तेवर नरम पड़ गए हैं. उनका बयान कांग्रेस के माथे पर शिकन लाने का काम कर रहा है. उन्होंने कहा है कि वे बीजेपी के ही विधायक हैं और हमेशा रहेंगे. क्षेत्र के विकास के लिए वो सरकार के साथ हैं जहां तक कांग्रेस का दामन थामने वाली बात है तो इसे गलत तरीके से प्रचारित किया गया था. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा में एक विधेयक पर मत विभाजन के दौरान कमलनाथ सरकार को शहडोल जिले के ब्यौहारी विधानसभा से बीजेपी विधायक ने समर्थन दे दिया था.
बदल गया विधायक का मनमॉब लिंचिंग विधेयक पर कमलनाथ सरकार का साथ देकर बीजेपी को करारा झटका देने वाले विधायकों में शरद कोल अकेले नही थे, बल्कि उनके साथ मैहर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी भी थे. शरद कोल ने 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर शहडोल जिले की ब्यौहारी सीट से जीत दर्ज की थी. हालांकि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ब्यौहारी सीट से कांग्रेस से टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया.
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