हनीट्रैप नहीं इस वजह से जांच में फंसे आर्मी अफसर, सेना ने जारी किया बयान
सेना हनी ट्रैप और करोड़ों के लेनदेन की बात से सेना ने इंकार किया है. हालांकि मामले में जुड़े जितने भी साक्ष्य थे उन्हें सीज करके लिए फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिए गए है.
ETV MP/Chhattisgarh
Updated: February 15, 2018, 6:38 PM IST
ETV MP/Chhattisgarh
Updated: February 15, 2018, 6:38 PM IST
मध्य प्रदेश के जबलपुर में आर्मी अफसर के गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में भारतीय सेना का बयान सामने आया है. सेना ने लेफ्टिनेंट कर्नल से इस बारे में पूछताछ किए जाने की पुष्टि की है. हालांकि सेना ने हनी ट्रैप या पैसों के लेन देन की बात को गलत ठहराया है.
रक्षा मंत्रालय के डिफेंस विंग द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि जबलपुर के 506 आर्मी बेस वर्कशॉप के EME कॉर्प्स में पदस्थ लेफ्टिनेंट कर्नल पर गोपनीय दस्तावेज लीक करने का आरोप लगा था.
मामले में लखनऊ कमांड हैडक्वार्टर के इंटेलिजेंस ब्यूरो ने 12 फरवरी को कई फाइलें और हार्ड डिस्क को भी जब्त कर जांच शुरू कर दी गई. इस जांच के दौरान इंटेलिजेंस को लेफ्टिनेंट कर्नल के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं मिल पाए हैं इसलिए उनके खिलाफ आरोपों को ख़ारिज कर दिया जाए.
रक्षा मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार लेफ्टिनेंट कर्नल अपनी सेवा जारी रखेंगे. और हनी ट्रैप और करोड़ों के लेनदेन की बात से सेना ने इंकार किया है. हालांकि जाँच पूरी होने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुँचने की बात की गई है. मामले में जुड़े जितने भी साक्ष्य थे उन्हें सीज करके लिए फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिए गए है.(जबलपुर से प्रतीक मोहन अवस्थी)
रक्षा मंत्रालय के डिफेंस विंग द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि जबलपुर के 506 आर्मी बेस वर्कशॉप के EME कॉर्प्स में पदस्थ लेफ्टिनेंट कर्नल पर गोपनीय दस्तावेज लीक करने का आरोप लगा था.
मामले में लखनऊ कमांड हैडक्वार्टर के इंटेलिजेंस ब्यूरो ने 12 फरवरी को कई फाइलें और हार्ड डिस्क को भी जब्त कर जांच शुरू कर दी गई. इस जांच के दौरान इंटेलिजेंस को लेफ्टिनेंट कर्नल के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं मिल पाए हैं इसलिए उनके खिलाफ आरोपों को ख़ारिज कर दिया जाए.
रक्षा मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार लेफ्टिनेंट कर्नल अपनी सेवा जारी रखेंगे. और हनी ट्रैप और करोड़ों के लेनदेन की बात से सेना ने इंकार किया है. हालांकि जाँच पूरी होने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुँचने की बात की गई है. मामले में जुड़े जितने भी साक्ष्य थे उन्हें सीज करके लिए फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिए गए है.(जबलपुर से प्रतीक मोहन अवस्थी)
Loading...
और भी देखें
Updated: February 16, 2019 11:07 AM ISTVIDEO: खुड़ावल गांव के तीसरे शहीद हैं अश्विनी, ऐसा है गांव का इतिहास