जबलपुर के निजी अस्पतालों में मरीजों की मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है. कभी ऑक्सीजन और इंजेक्शन की कमी जिंदगी पर भारी पड़ जा रही है, तो वहीं अब बिजली का गुल हो जाना मरीजों की जिंदगी पर भारी पड़ रहा है. ऐसा ही एक मामला जबलपुर के मदन महल स्थित शुभम हॉस्पिटल से सामने आया है. यहां जबलपुर की ही रहने वाली 60 वर्षीय महिला की मौत बिजली गुल हो जाने के दौरान ऑक्सीजन न मिलने से हो गई. दरअसल वृद्ध महिला को अत्यधिक बुखार होने के चलते बीते दिनों अस्पताल में एडमिट किया गया था. लेकिन आज जब वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर थी, तब कई घंटे बिजली गुल रही और इस दौरान अस्पताल प्रबंधन का जेनरेटर भी अस्पताल का लोड उठाने में नाकाफी साबित हुआ और देखते ही देखते महिला ने दम तोड़ दिया.
इस दौरान कई अन्य मरीजों के जीवन पर भी संकट गहरा गया. मृतिका के परिजनों ने यह आरोप लगाया है कि इस हादसे का दोष किसे दिया जाए. बिजली विभाग को, अस्पताल प्रबंधन को या सरकार को? वहीं, अस्पताल प्रबंधन के अनुसार महिला की मौत बिजली गुल होने के चलते नहीं हुई है. महिला बीते कई दिनों से गंभीर बीमार थी, जिसके चलते उनकी मौत हुई है.
बहरहाल वजह जो भी रही हो, लेकिन कोविड-19 के दौर में अस्पताल जैसी संवेदनशील जगह पर इस तरह कई घंटों के लिए बिजली का गुल हो जाना जरूर सवालों के घेरे में है. इस हादसे के बीच सबसे ज्यादा लाचार प्रशासनिक अमला दिखा. ऐसा इसलिए कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की जांच करने अस्पताल पहुंचे एसडीएम आशीष पांडे ने जब अस्पताल की बंद बिजली और अव्यवस्थाएं देखी तो वे इस पर कुछ भी कहने से बचते रहे और खुद के अधिकार क्षेत्र के बाहर की बात बताई.
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FIRST PUBLISHED : April 26, 2021, 23:57 IST