बड़ी खबर : मध्यप्रदेश में शासकीय अधिवक्ताओं को नियुक्ति में नहीं मिल सकता आरक्षण का लाभ

जबलपुर हाईकोर्ट
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: December 8, 2020, 11:10 PM IST
जबलपुर. मध्य प्रदेश (MP) में शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति में आरक्षण (Reseravation) का लाभ नहीं दिया जाएगा. प्रदेश के विधि एवं विधायी कार्य विभाग ने अपने एक जवाब में ये बात कही है. पत्र में कहा गया है कि ऐसा इसलिए क्योंकि शासकीय अधिवक्ता का पद कोई लोक पद नहीं है.
प्रदेश में शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता, क्योंकि शासकीय अधिवक्ताओं का पद लोक पद नहीं है. यह जवाब मध्य प्रदेश विधि एवं विधायी कार्य विभाग ने उस पत्राचार के परिपेक्ष में दिया है जिसमें हाईकोर्ट के आदेश के परिपालन में उनसे जबाब चाहा गया था.
आरक्षण की मांग
दरअसल ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन ने पिछले दिनों एक याचिका मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में दायर की थी. उसमें शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति में आरक्षण नियमों का पालन करने की मांग की गई थी. हाईकोर्ट ने याचिका का निराकरण करते हुए यह निर्देश दिए थे कि सरकार, सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति में आरक्षण संबंधी प्रावधान लागू करने के संबंध में 3 महिने के भीतर निर्णय ले. इस निर्देश के साथ हाईकोर्ट में याचिका का निराकरण भी कर दिया था.
एक और याचिका
हाईकोर्ट के निर्देश के परिपालन में याचिकाकर्ता की ओर से इस सिलसिले में एक पत्र सरकार को दिया गया था. जिसका जवाब मिलने पर वो फिर हाईकोर्ट की शरण में जा रहे हैं. ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन के अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह ने सरकार के इस निर्णय को चुनौती देते हुए एक और याचिका हाईकोर्ट में दायर की है. जिस पर जल्द सुनवाई हो सकती है.
प्रदेश में शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता, क्योंकि शासकीय अधिवक्ताओं का पद लोक पद नहीं है. यह जवाब मध्य प्रदेश विधि एवं विधायी कार्य विभाग ने उस पत्राचार के परिपेक्ष में दिया है जिसमें हाईकोर्ट के आदेश के परिपालन में उनसे जबाब चाहा गया था.
आरक्षण की मांग
दरअसल ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन ने पिछले दिनों एक याचिका मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में दायर की थी. उसमें शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति में आरक्षण नियमों का पालन करने की मांग की गई थी. हाईकोर्ट ने याचिका का निराकरण करते हुए यह निर्देश दिए थे कि सरकार, सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति में आरक्षण संबंधी प्रावधान लागू करने के संबंध में 3 महिने के भीतर निर्णय ले. इस निर्देश के साथ हाईकोर्ट में याचिका का निराकरण भी कर दिया था.
एक और याचिका
हाईकोर्ट के निर्देश के परिपालन में याचिकाकर्ता की ओर से इस सिलसिले में एक पत्र सरकार को दिया गया था. जिसका जवाब मिलने पर वो फिर हाईकोर्ट की शरण में जा रहे हैं. ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन के अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह ने सरकार के इस निर्णय को चुनौती देते हुए एक और याचिका हाईकोर्ट में दायर की है. जिस पर जल्द सुनवाई हो सकती है.