मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने फर्म मालिक के खिलाफ दर्ज केस को खारिज कर दिया. (फाइल फोटो)
जबलपुर (मध्यप्रदेश). मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने कंडोम बनाने वाली एक फर्म को राहत देते हुए कहा कि कंडोम के विज्ञापन में गरबा करते कपल को दिखाने का मकसद किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं होता. हाईकोर्ट ने फर्म के खिलाफ दर्ज केस को खारिज कर दिया. हाई कोर्ट ने कहा कि कंपनी ने अपराध नहीं किया. इस पोस्ट में फर्म मालिक ने अपना मोबाइल नंबर और पहचान भी स्पष्ट रखा है जिससे यह प्रकट होता है कि वह अपने प्रोडक्ट को बढ़ावा ही देना चाहता था.
दरअसल फार्मा कंपनी ‘मॉर्फस फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड’ ने नवरात्रि 2018 के दौरान दो दिनों के लिए मुफ्त कंडोम और प्रेग्नेंसी किट का विज्ञापन बनाया था. इसे फेसबुक और व्हाइट्स एप ग्रुप्स पर पोस्ट किया था. इस पर गरबा करते कपल का फोटो था और उस पर लिखा था ‘ प्री लवरात्रि वीकेंड ऑफर – कंडोम (3 का पैक)/प्रेग्नेंसी टेस्ट किट’ जिसको लेकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का केस दर्ज हुआ था.
कंपनी ने दो दिनों के लिए ऑफर निकाला था
कंपनी मालिक महेंद्र त्रिपाठी का कहना था कि उनका इरादा किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करने का नहीं था, बल्कि लोगों को यह जानकारी देना था कि कंपनी ने दो दिनों के लिए यह ऑफर निकाला है. रिपोर्ट के मुताबिक उनके वकील ने भी हाई कोर्ट को यह तर्क दिया. कोर्ट ने दोनों पक्ष की दलीलों के बाद कहा कि एक पोस्ट के अलावा रिकॉर्ड में कुछ और नहीं है जो यह साबित करता हो कि यह सब धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए था.
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