जबलपुर. प्रदेश में छाए बिजली संकट के बीच रेलवे फिर देवदूत बन गया है. कोयले की कमी के कारण बिजली संकट के आसार हैं. इससे निपटने के लिए रेलवे अब कोयला सप्लाई कर रहा है. पश्चिम मध्य रेलवे मध्य प्रदेश के ताप विद्युत गृहों तक रोज डेढ़ लाख मीट्रिक टन कोयला पहुंचा रहा है.
कोयले की कमी के कारण मध्यप्रदेश में छाया बिजली संकट दूर करने रेलवे एक बार फिर संकटमोचन की भूमिका अदा कर रहा है. पश्चिम मध्य रेल जोन रोजाना कोयले की ढुलाई कर माल बिजली घर तक पहुंचा रहा है. मध्य प्रदेश में रोज 1 लाख 50 हज़ार मैट्रिक टन कोयला पहुंच रहा है.
रोज़ाना 1 लाख 50 हज़ार मीट्रिक टन कोयला सप्लाई
मध्यप्रदेश में कोयले की कमी को देखते हुए पश्चिम मध्य रेलवे यात्री ट्रेनों से ज्यादा अब कोयले की आपूर्ति के लिए लगी मालगाड़ियों को तरजीह दे रहा है. पश्चिम मध्य रेल जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल जयपुरियार ने बताया कि कोयला संकट दूर करने और बिजली आपूर्ति निर्बाध रहे इसके लिए प्रतिदिन औसतन 38 रैक ट्रेन कोयला लोड और अनलोड हो रहा है. बात अप्रैल महीने की करें तो इस महीने पश्चिम मध्य रेलवे जोन ने कोयला सप्लाई में रिकॉर्ड कायम किया है. दिन-रात रेलवे का महकमा कोयले की आपूर्ति के लिए अतिरिक्त ट्रेन चला रहा है. मध्य प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान के थर्मल पावर स्टेशन तक कोयला समय पर पहुंचे इसके लिए मुस्तैदी दिखाई जा रही है.
आंकड़ों में गौर करें तो
– पश्चिम मध्य रेल जोन ने अप्रैल महीने में 84 मालवाहक ट्रेनें कोयले की आपूर्ति के लिए लोड कीं
– 1048 ट्रेन के रैक जो कोयले से भरे थे उन्हें मध्यप्रदेश में अनलोड किया गया है.
– एक औसत के मुताबिक हर ट्रैक में 54 डिब्बे होते हैं.
-हर रैक में एक लाख 50 हजार मैट्रिक टन कोयला आता है.
पश्चिम मध्य रेलवे जोन अधिकारियों के मुताबिक मुस्तैदी के साथ कोल आपूर्ति के लिए रेल काम कर रहा है. आने वाले दिनों में यह संभव है कि कोयले की कमी का संकट दूर हो जाए.
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