रिपोर्ट – अभिषेक त्रिपाठी
जबलपुर. सर्दी का सितम जारी है और आने वाले दिनों में भी इसी प्रकार जारी रहेगा. इस बार ठंड इस तरह कहर बरपा रही है कि नवंबर ने बीते कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. जबलपुर शहर में इस बार का नवंबर बीते 22 साल में सबसे सर्दी वाला रहा है. संस्कारधानी में पहली बार नवंबर के महीने में रात का पारा 7 डिग्री पर आ गया. अब दिसंबर भी आ चुका है, इसके बावजूद नगर निगम प्रशासन की ओर से कहीं भी अलाव की कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही है, जिसे लेकर स्थानीय लोग प्रशासन पर नाराज़गी भी जता रहे हैं.
सर्दी के सितम को देखते हुए लोग दिन और रात के समय में ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं. मौसम विभाग की मानें तो मिड अक्टूबर में मानसून विदा हुआ था. पिछले 10 सालों में तीसरा मौका था जब मानसून इतनी देर से विदा हुआ. इस बार कड़ाके की सर्दी जल्दी आ जाने की वजह यही मानी जा रही है. इधर, इतनी सर्दी हो जाने के बाद शहर में कहीं भी अलाव की व्यवस्था न होने से लोग शिकायत के मूड में हैं, तो प्रशासन इंतज़ाम की बात कर रहा है.
नगरीय प्रशासन का कहना है अलाव की व्यवस्था की जा रही है. जल्द ही लोगों को ठंड से राहत दिलाने के लिए शहर के विभिन्न पॉइंट्स पर अलाव शुरू हो जाएंगे. हालांकि इसके लिए कोई निश्चित समय नहीं बताया गया. आपको बताएं नवंबर के शुरूआती दिनों में न्यूनतम पारा 15 से 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास था, लेकिन महीने के आखिरी दिनों में सर्दी इतनी हो गई कि न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया.
इस बार इतनी ठंड के कारण शहर में रिक्शा चलाने वाले, ठेले लगाने वाले और फुटपाथ पर जीवन बिताने वालों के सामने संकट बढ़ गया है. ये लोग ठंड की मार झेल रहे हैं और अपने स्तर पर ही हाथ तापने के लिए व्यवस्था जैसे तैसे कर पा रहे हैं. जबकि हर बार प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था की जाती रही है.
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