भोपाल (bhopal) के नानके पेट्रोल पंप चौराहे से पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह (arjun singh) की मूर्ति हटायी जा सकती है. शासन की ओर से आज जबलपुर हाईकोर्ट (jabalpur high court) में महाधिवक्ता शशांक शेखर ने जवाब पेश किया. इसमें कहा गया कि शासन मूर्तियों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट (sc) के निर्देश का अक्षर: पालन करेगा.
भोपाल के नानके तिराहे पर पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की प्रतिमा नियमों को ताक पर रखकर लगाई गई या फिर भोपाल नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइंस का ध्यान रखा. सरकार इस बारे में अपना जवाब अगले हफ्ते हाईकोर्ट में रखेगी. जबलपुर हाईकोर्ट की सख्ती के बाद मुख्य सचिव की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर गुरुवार को अदालत में पेश हुए. उन्होंने जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा. उनकी ओर से अदालत को आश्वस्त किया गया कि वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशो का अक्षरशः पालन करेंगे.
भोपाल में शहीद चंद्रशेखर आज़ाद और पूर्व सीएम स्व. अर्जुन सिंह की मूर्ति लगाने का विवाद हाईकोर्ट में था. इस संबंध में गुरुवार को कोर्ट में प्रदेश के मुख्य सचिव एस आर मोहंती की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर जवाब पेश किया. उन्होंने अडरटेकिंग दी. शासन की ओर से पेश जवाब में कहा गया कि मूर्तियां लगाने के संबंध में सरकार, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का अक्षरशः पालन करेगी. राज्य सरकार अगले हफ्ते HC में कम्प्लायन्स रिपोर्ट पेश करेगी.
- भोपाल निवासी ग्रीष्म जैन ने हाईकोर्ट में याचिका (Petition) दायर की थी. इसमें कहा गया था कि 3 साल पहले यातायात में बाधा बन रही कई प्रतिमाओं को शहर के व्यस्ततम स्थलों से हटाया गया था. इनमें अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद, स्व. शंकर दयाल शर्मा, इंदिरा गांधी की प्रतिमाएं भी शामिल थीं. लेकिन बीते 7 नवंबर को लिंक रोड नंबर 1 स्थित नानके पेट्रोल पंप के पास पूर्व सीएम स्व. अर्जुन सिंह (Arjun Singh) की प्रतिमा (The statue) स्थापित कर दी गई. जानकारी के मुताबिक प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव करीब 1 साल पहले नगर निगम परिषद ने पारित किया था.
आज़ाद और अर्जुन सिंह की मूर्ति को लेकर विवाद ये है कि भोपाल के नानके पेट्रोल पंप तिराहे पर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद की मूर्ति लगी हुई थी. उसे 2013 में हटा दिया गया था. उसकी जगह अर्जुन सिंह की मूर्ति लगा दी गयी इसका आज़ाद के रिश्तेदार अमित आज़ाद सहित बीजेपी और कई संगठनों ने तीव्र विरोध किया.अमित दिल्ली में धरना देकर बैठे हैं.
याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा था कि सरकार का ऐसा कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी से जवाब तलब किया था. पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की प्रतिमा को लेकर सूबे मे सियासत जमकर गर्म है. विपक्ष पहले से ही सरकार पर हमलावर है, जबकि सरकार का ये कदम अब कानूनी दांवपेंच में भी फंसता दिख रहा है. मामले में आजाद के परिवार और हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी से जुड़े लोग भोपाल और दिल्ली सहित देश के कई स्थानों पर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 05, 2019, 13:40 IST