मिशन चंद्रयान-2: MP के इस छोटे से शहर की मेघा ने वो कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी नहीं थी

मेघा भट्ट चंद्रयान अभियान से जुड़ी हुई हैं.
देश के कुछ चुनिंदा साइंटिस्ट को ही इस अभियान से जुड़ने का मौका मिला. ऐसे में एक छोटे से शहर में हिन्दी मीडियम की छात्रा ने वो कर दिखाया, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: July 22, 2019, 4:16 PM IST
अंतरिक्ष में भारत की इस ऊंची उड़ान, मिशन चंद्रयान-2 में मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर कैमोर की बेटी मेघा भट्ट भी अपना महत्वपूर्ण योगदान निभा रही हैं. मेघा, चंद्रयान-2 से मिलने वाले डाटा का एनालिसिस करेंगी.
चंद्रयान-2 की सफलता से मध्य प्रदेश की सीमेंट नगरी कैमोर के लोग भी खुश हैं. देश की उपलब्धि पर तो इन्हें गर्व है ही, उतना ही गर्व इन्हें अपनी बेटी मेघा भट्ट पर भी है, जो चंद्रयान-2 में डाटा एनलिस्ट हैं. खुशी इसलिए क्योंकि मेघा कैमोर में ही पढ़ी-लिखी हैं.

उनके पिता यू एन भट्ट एसीसी कैमोर के इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के डीजल सेक्शन में इंस्ट्रक्टर थे. यही वजह है कि मेघा ने अपनी हायर सैकेंड्री तक की शिक्षा यहीं पूरी की. उसके बाद वो उच्च अध्ययन के लिए जबलपुर चली गयीं.
मेघा का परिवार
पिता यूएन भट्ट एसीसी कैमोर के इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के डीजल सेक्शन में इंस्ट्रक्टर थे. रिटायरमेंट के बाद वो गुजरात में सैटल हो गए. मेघा की एक बहन पूर्वी इंदौर में आई स्पेशलिस्ट हैं और भाई तरंग भट्ट गुजरात में है.
दोस्तों ने मनायी खुशी
जैसे ही चंद्रयान अभियान से मेघा के शामिल होने का पता लोगों को चला, उनके साथ पढ़ने वाले छात्र और टीचर्स की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. देश के कुछ चुनिंदा साइंटिस्ट को ही इस अभियान से जुड़ने का मौका मिला. ऐसे में एक छोटे से शहर में हिन्दी मीडियम की छात्रा ने वो कर दिखाया जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था.
टीचर्स बताते हैं कि मेघा बचपन से काफी होनहार थीं. वो बेहद मिलनसाार और हंसमुख स्वभाव की हैं. मेघा भौतिक शास्त्र में रिसर्चर तो हैं ही उन्होंने पीएचडी भी की.
ये भी पढ़ें-मिशन चंद्रयान-2 : MP का कैमोर शहर चर्चा में क्यों है?
चंद्रयान-2 की सफलता से मध्य प्रदेश की सीमेंट नगरी कैमोर के लोग भी खुश हैं. देश की उपलब्धि पर तो इन्हें गर्व है ही, उतना ही गर्व इन्हें अपनी बेटी मेघा भट्ट पर भी है, जो चंद्रयान-2 में डाटा एनलिस्ट हैं. खुशी इसलिए क्योंकि मेघा कैमोर में ही पढ़ी-लिखी हैं.

उनके पिता यू एन भट्ट एसीसी कैमोर के इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के डीजल सेक्शन में इंस्ट्रक्टर थे. यही वजह है कि मेघा ने अपनी हायर सैकेंड्री तक की शिक्षा यहीं पूरी की. उसके बाद वो उच्च अध्ययन के लिए जबलपुर चली गयीं.

मेघा का परिवार
पिता यूएन भट्ट एसीसी कैमोर के इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के डीजल सेक्शन में इंस्ट्रक्टर थे. रिटायरमेंट के बाद वो गुजरात में सैटल हो गए. मेघा की एक बहन पूर्वी इंदौर में आई स्पेशलिस्ट हैं और भाई तरंग भट्ट गुजरात में है.
दोस्तों ने मनायी खुशी
जैसे ही चंद्रयान अभियान से मेघा के शामिल होने का पता लोगों को चला, उनके साथ पढ़ने वाले छात्र और टीचर्स की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. देश के कुछ चुनिंदा साइंटिस्ट को ही इस अभियान से जुड़ने का मौका मिला. ऐसे में एक छोटे से शहर में हिन्दी मीडियम की छात्रा ने वो कर दिखाया जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था.
टीचर्स बताते हैं कि मेघा बचपन से काफी होनहार थीं. वो बेहद मिलनसाार और हंसमुख स्वभाव की हैं. मेघा भौतिक शास्त्र में रिसर्चर तो हैं ही उन्होंने पीएचडी भी की.
ये भी पढ़ें-मिशन चंद्रयान-2 : MP का कैमोर शहर चर्चा में क्यों है?
- नवोदय विद्यालय में सीढ़ियों पर मिली 6 वीं की छात्रा की लाश!
- LIVE कवरेज देखने के लिए क्लिक करें न्यूज18 मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ लाइव टीवी