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Butterfly Eco Park: तितलियों के बीच जंगल में छुट्टी! MP का पहला बटरफ्लाई पार्क बना टूरिज्म का ताज

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Khandwa News: मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में बना चारखेड़ा बटरफ्लाई पार्क अब पर्यटकों का नया ठिकाना बन चुका है. यहां जंगल, बैकवॉटर और तितलियों की रंगीन दुनिया साथ-साथ मौजूद है.

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Butterfly Eco-Park: अगर आपने कभी तितलियों के बीच सुबह की चाय पीने का सपना देखा है, तो अब वो सपना साकार हो सकता है. मध्यप्रदेश का खंडवा जिला अब सिर्फ ऐतिहासिक या धार्मिक महत्व के लिए नहीं जाना जाएगा, बल्कि यहां प्रकृति के सबसे खूबसूरत रंग भी आपको आमंत्रित कर रहे हैं. चारखेड़ा के हरे-भरे जंगलों में बसा MP का पहला Butterfly Eco-Park अब पूरी तरह तैयार है और पर्यटकों के दिलों में जगह बना रहा है.

हट्स, टेंट और जंगल की बाहों में रुकने का अनुभव
चारों ओर हरियाली, ऊपर नीला आसमान और बीच में तितलियों की रंग-बिरंगी दुनिया — जैसे किसी पेंटिंग में आ गए हों. इस पार्क की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह सिर्फ देखने की जगह नहीं, बल्कि महसूस करने की जगह है. यहां टेंट और हट्स जंगल के अंदर बनाए गए हैं, ताकि इंसान और प्रकृति के बीच कोई दीवार न रह जाए.

नर्मदा बैकवॉटर में बोटिंग का रोमांच
यहां आने वाले सैलानियों को नर्मदा बैकवॉटर में बोटिंग का भी आनंद मिलता है. पानी की ठंडी लहरों पर तैरती नाव और आसमान में उड़ती तितलियां— ऐसा दृश्य शांति से भरा होता है. यह अनुभव किसी थेरेपी से कम नहीं.
जल्द शुरू होगा लोकल फूड कैंटीन और कला प्रदर्शन
जल्द ही यहां पर स्थानीय व्यंजनों की कैंटीन और लोक कला प्रदर्शन भी शुरू किए जाएंगे, जिससे पर्यटक सिर्फ प्रकृति नहीं, संस्कृति का भी स्वाद ले सकें. यह प्रयास न केवल टूरिज्म को समृद्ध करता है, बल्कि स्थानीय संस्कृति को भी जीवंत बनाता है.
बर्ड वॉचिंग, ट्रैकिंग और कैंपफायर का अनोखा मेल
बटरफ्लाई पार्क को खास बनाती हैं यहां होने वाली गतिविधियां—जैसे बर्ड वॉचिंग, जंगल ट्रैकिंग और रात में कैंप फायर. यहां हर घड़ी एक नई खोज है, हर मोड़ एक नई कहानी.
पर्यटकों की जुबानी: “ये सपना है या हकीकत?”
एक पर्यटक ने बताया, “हमने कभी सोचा भी नहीं था कि हमारे अपने प्रदेश में ऐसा प्राकृतिक जादू देखने को मिलेगा. तितलियों के साथ सुबह उठना और जंगल की हवा में साँस लेना अपने आप में एक ध्यान है.”
प्रकृति, पर्यटन और रोजगार… तीनों का संतुलन
चारखेड़ा पार्क यह दिखाता है कि अगर सोच ईमानदार हो और नजर प्रकृति की ओर हो, तो विकास और संरक्षण एक साथ चल सकते हैं. यह न केवल पर्यावरण प्रेमियों के लिए एक उपहार है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार का भी बड़ा जरिया बन चुका है.
सैर नहीं, आत्म-संपर्क की शुरुआत है चारखेड़ा
तो अगली बार जब भी ज़िंदगी से कुछ दूरी और शांति की तलाश हो, किसी महंगे रिजॉर्ट की नहीं, खंडवा के तितली पार्क की ओर मुड़िए. यहां आपको सिर्फ छुट्टी नहीं, एक नई ऊर्जा और यादगार अनुभव मिलेगा.
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