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Burhanpur: बंजारा समाज की अनूठी परंपरा, दीपावाली पर बड़ों की आरती उतारकर बेटियां लेती हैं 'मेरिया'

बंजारा समाज कई वर्षों से दीपावली के दिन अपना यह पारंपरिक त्योहार मनाता रहा है

बंजारा समाज कई वर्षों से दीपावली के दिन अपना यह पारंपरिक त्योहार मनाता रहा है

बंजारा समाज में दीपावली के दिन लड़कियों के अपने से बड़ों जिसमें दादा-दादी, माता-पिता, भैया-भाभी, मौसा-मौसी, मामा-मामी ए ...अधिक पढ़ें

    अंकुश मोरे

    बुरहानपुर. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के खकनार तहसील के डोईफोड़िया गांव का बंजारा समाज अपनी परंपराओं के लिए जाना जाता है. दीपावली के दिन बंजारा समाज की युवतियां अपने पारंपरिक पहनावे में सज-धज कर अपने से बड़ों की आरती उतार कर पूजा करती हैं. यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है.

    डोईफोड़िया गांव में बंजारा समाज रहता है. इस समाज में दीपावली के दिन लड़कियों के अपने से बड़ों जिसमें दादा-दादी, माता-पिता, भैया-भाभी, मौसा-मौसी, मामा-मामी एवं अन्य की आरती उतार कर उनसे मेरीया मांगने की परंपरा है. बदले में घर-परिवार के बड़े बालिकाएं को लक्ष्मी का रूप मानकर उनसे आशीर्वाद लेकर उन्हें उपहार में राशि भेंट करते हैं. यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. बंजारा समाज का यह त्योहार दीपावली के दिन मनाया जाता है. दीपावली के दिन बड़ों की पूजा करना शुभ माना जाता है.

    56 गांवों में 100 से अधिक परिवार 
    बंजारा समाज के युवा संघ के जिला महासचिव ईश्वर जाधव ने बताया कि बुरहानपुर जिले में बंजारा समाज 56 गांवों के 84 टांडा है जिसमें एक लाख से ज्यादा लोग निवास करते हैं. इसमें दीपावली की संध्या पर सभी घरों में बालिका अपने पारंपरिक पहनावे में तैयार होकर अपने से बड़ों की आरती उतारकर मेरिया लेती हैं.

    बता दें कि बंजारा समाज में यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. दीपावली की संध्या बालिकाएं सज-धज कर थाली में दीपक और कुमकुम लेकर अपनों से बड़ों की आरती उतारती हैं और उनसे मेरिया मांगती हैं. इसके एवज में बड़े उनको लक्ष्मी का रूप मानकर उनसे आशीर्वाद लेते हैं, और उपहार के रूप में राशि देते हैं.

    Tags: Diwali festival, Mp news

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