रिपोर्ट : अंकुश मोरे
बुरहानपुर. आत्मनिर्भर भारत योजना लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है. कई युवा इसका लाभ उठाकर फर्श से अर्श तक पहुंच रहे हैं. ऐसे ही शख्स हैं बुरहानपुर के रहनेवाले संदीप जगन्नाथ रावल. महज 7 साल पहले वे साइकिल से घर-घर जाकर मसाले बेचा करते थे. उस समय उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. इसी बीच संदीप को किसी ने आत्मनिर्भर भारत मध्य प्रदेश एक जिला एक उत्पाद के बारे में सामान्य जानकारी दी. तब संदीप ने इसका लाभ उठाया और 25 लाख का लोन लेकर अपना कारोबार शुरू किया. आज संदीप का खुद का एक कारखाना है.
संदीप बताते हैं कि उन्हें ‘एक जिला, एक उत्पाद’ के अंतर्गत उद्यानिकी विभाग प्रसंस्करण ने 25 लाख रुपए का लोन दिया. इसमें अनुदान राशि 8,65,000 मिली और योजना का लाभ लेकर संदीप रावल ने दिन रात मेहनत कर अपना खुद का बड़ा कारखाना स्थापित किया.
संदीप बताते हैं कि जब उन्होंने 25 लाख का लोन लिया तो इसके लिए उन्हें अपना मकान बैंक में गिरवी रखना पड़ा और काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. लॉकडाउन लग जाने की वजह से बैंकों की किस्त भरने में दिक्कत आ रही थी. तब संदीप ने मन बना लिया कि मैं यह लोन वापस कर दूंगा और कारोबार नहीं करूंगा, लेकिन पिता और भाई ने संदीप को समझाया कि अब तुम्हारे अच्छे दिन शुरू होने वाले हैं, जिसके बाद संदीप ने हिम्मत करके दिन-रात मेहनत की और अपने मसालों को दूर तक बेचने का काम शुरू किया और खुद का ‘मां एकता मसाला’ ब्रांड बनाया और अपने मसालों की सप्लाई निमाड़ अंचल, महाराष्ट्र, गुजरात के अलावा अन्य राज्यों तक की.
जब संदीप को सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत रोजगार दिया तो संदीप ने भी 25 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार दिया है, जो सुबह से आकर शाम तक कारखाने में टीम की तरह काम करती हैं. यहां सभी महिलाओं के काम बंटे हुए हैं. भविष्य में और बड़ा कारखाना खोलने की योजना संदीप बना रहे हैं, ताकि ज्यादा लोगों को रोजगार दे सकें. इस समय संदीप 2 लाख रुपए प्रतिमाह कमाते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया है.
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