दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर पर सवाल उठाकर उसे फेक करार दे चुके मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एनकाउंटर में शामिल इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी आरिज़ ख़ान की गिरफ्तारी के बाद मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है.
नर्मदा परिक्रमा पर मंडला पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो नर्मदा परिक्रमा के बाद इस पर बात करेंगे. उनसे यह सवाल उस वक़्त किया गया जब दिल्ली की स्पेशल सेल ने बटला हाउस एनकाउंटर के फरार आरोपी आरिज उर्फ जुनैद को दस साल बाद गिरफ्तार किया है.
बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इंडियन मुजाहिद्दीन के मोस्ट वांटेड आतंकी आरिज़ ख़ान (जुनैद) 2008 की बटला हाउस मुठभेड़ के बाद से ही फरार था. उसे चार दिन पहले भारत-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के लिए उसे कस्टडी में लिया गया है.
गिरफ्तार जुनैद जामिया नगर इलाके में 13 सितंबर, 2008 को हुए बटला हाउस एनकाउंटर में शामिल था. NIA की तरफ से इसके ऊपर 10 लाख और दिल्ली पुलिस ने 5 लाख का इनाम रखा था.
पुलिस के स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह ने बताया कि वह इंडियन मुजाहिद्दीन के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक रहा है. उन्होंने बताया, "जुनैद कई मामलों में वांटेड था. वह देश के अलग-अलग हिस्सों में हुए धमाकों में शामिल रहा है. वह दिल्ली के करोल बाग, कनॉट प्लेस और ग्रेटर कैलाश में हुए धमाकों में शामिल रहा है.
बाटला हाउस धमाकों के बाद एक महीने तक वह भारत में रहा था. वह 2007 में यूपी में हुए धमाकों, 2008 में जयपुर में हुए सीरियल धमाकों, 2008 में ही अहमदाबाद में हुए धमाकों में शामिल रहा है." सिंह ने बताया कि जिन धमाकों में वह शामिल रहा है उनमें कुल 165 लोगों की मौत हुई है और 535 लोग घायल हुए हैं.
यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले जुनैद पर कुल 15 लाख रुपए का इनाम घोषित था. इस पर अहमदाबाद, जयपुर, दिल्ली समेत देश के कई शहरों में आतंकी बम धमाके करने का आरोप है.
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FIRST PUBLISHED : February 14, 2018, 21:51 IST