(सांकेतिक तस्वीर)
एक कहावत है तू डाल-डाल, मैं पात-पात. मंडला में शराब तस्कर भी कुछ इसी तर्ज पर काम कर रहे हैं. तीन तरफ से नर्मदा नदी से घिरे मंडला जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर तक शराब बेचने पर पाबंदी है, लेकिन इसके बावजूद जिले में सैकड़ों जगह खुलेआम शराब बिक्री चालू है.
आबकारी अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जिले में शराब का एक भी बार नहीं है और वो सत्य भी है, लेकिन जिले भर में कई ऐसी जगह हैं, जहां ग्राहक को बार से भी ज्यादा सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं और खुले आम शराब परोसी जा रही है. आलम यह है कि आपको देसी-विदेशी शराब और अंडा आदि चाय तथा किराने की दुकानों पर आसानी से मिल जाएंगे. शराबी खुले आम जाम छलकाते हुए कहीं भी नजर आ सकते हैं, लेकिन शासन-प्रशासन इससे अनजान बना हुआ है.
चाय की दुकानों पर बिक रही शराब को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले मंडला में शराब की 6 दुकानें संचालित थीं, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल में सभी दुकानों को बंद कर दिया गया था. अब इन दुकानों के बंद होने के बाद अवैध शराब तस्करों ने यहां पांव जमा लिए हैं.
मामले में जिला आबकारी अधिकारी आरएन व्यास का कहना है कि मंडला जिले में नदी से पांच किलोमीटर तक शराब बेचना बंद है. उन्होंने कहा कि जिले में एक भी बार नहीं है और कहीं पर अवैध शराब की सूचना मिलती है तो विभाग की फील्ड टीम त्वरित कार्रवाई करती है. व्यास ने बताया कि दिसंबर 2018 में जिले में शराब बेचने और इससे संबंधित करीब 126 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही दुकानों का भी निरीक्षण किया जाता है और करीब 40 से 50 मामले भी दर्ज किए गए हैं.
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Tags: Illegal liquor, Madhya pradesh news