रिपोर्ट- आलेख तिवारी
मंडला. मध्य प्रदेश के मंडला में जीवनदायनी मां नर्मदा वर्तमान में सरकारी अनदेखी के चलते प्रदूषण का शिकार हो रही है. चुनावी माहौल में नर्मदा संरक्षण को लेकर बड़े- बड़े दावे तो कई किए गए पर सालों बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं. कल-कल बहती नर्मदा नदी और प्रदेश की जीवनरेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है. आलम ये है कि जिले में नर्मदा नदी में घरों के और नाले की गंदगी सीधे नर्मदा नदी में मिल रही है
इतना ही नहीं घाट के चारों और गंदगी का आलम पसरा हुआ है. इससे न केवल नर्मदा भक्तों की आस्था को चोट पहुंच रही है. बल्कि नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के सरकारी प्रयास और दावों की भी पोल खुलती नजर आ रही है. जानकारी के अनुसार शहर के एक-दो नहीं बल्कि शहर के मुख्य 16 नाले नर्मदा नदी को लगातार प्रदूषित कर रहे हैं. इन नालों के माध्यम से 24 वार्डों व आसपास ग्राम पंचायत के घरों से निकलने वाली हर तरह की गंदगी सीधे नर्मदा नदी में मिल रही है. इसके साथ ही नर्मदा में लगातार दोहन से उसके अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है. जल प्रदूषण के कारण आज नर्मदा में रहने वाली 28 जलीय प्रजातियों का अस्तित्व भी लगभग समाप्त हो चुका है.
जिले में नर्मदा नदी के किनारों पर बने घाटों पर पसरी गंदगी, नालों का नर्मदा में मिलना उन दावों पर सवालिया निशान लगाती है, जो यह कहते है की नर्मदा सरंक्षण के कार्य हो रहे हैं. नर्मदा तट पर आने वाले श्रृद्वालू घाटों पर फैली गंदगी और अव्यवस्था से परेशान हैं. सिवनी जिले से आए प्रदीप साहू का कहना है कि नर्मदा को सहेजने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है. यहां नाले का पानी भी सीधे नर्मदा नदी में मिल रहा है, जिससे नर्मदा का जल प्रदूषित हो रहा है.अगर जल्द ही रोक नही लगाई गई तो करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र नर्मदा का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.
नर्मदा में नालों के मिलने से हो रहे प्रदूषण को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष विनोद कछवाहा का कहना है कि इसका एक मात्र हल सीवर लाइन है. शहर से जुड़ने वाले ग्रामीण इलाकों पर करीब 95 प्रतिशत काम हो चुका है और शहर में भी काम चल रहा है, जो कि दो साल के अदंर पूरा हो जाएगा. इससे हम हर घर को सीवर लाइन से जोड़ देंगे जिससे नर्मदा तक कोई भी गंदा पानी नही जाएगा. उन्होंने बताया कि लगभग 139 करोड़ रुपए के इस सीवर लाइन प्रोजेक्ट में 70 प्रतिशत वित्तीय सहायता जर्मनी और शेष 30 प्रतिशत वित्तीय अनुदान राज्य शासन द्वारा दिया जाएगा.
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Tags: CM Shivraj Singh Chauhan, Mandla news, Mp news, Narmada River, Shivraj government, Water Pollution
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