होम /न्यूज /मध्य प्रदेश /Loksabha Elections 2019: इस बार मंडला में जनता किसका देगी साथ?

Loksabha Elections 2019: इस बार मंडला में जनता किसका देगी साथ?

मंडला

मंडला

क्योंकि कभी कांग्रेस की परंपरागत सीट रहने वाली मंडला पर 2009 को छोड़ 5 चुनावों से बीजेपी का कब्जा है.

    'या बार मंडला लोकसभा चुनाव मा, इंहां के जनता केला देही साथ '
    एसटी के लिए रिजर्व मंडला सीट को लेकर ये सवाल इस बार लोकसभा चुनाव में गूंज रहा है क्योंकि कभी कांग्रेस की परंपरागत सीट रहने वाली मंडला पर 2009 को छोड़ 5 चुनावों से बीजेपी का कब्जा है. 2018 के विधानसभा चुनाव को देखकर तो लगता है कि जनता का मूड भी कुछ बदला नजर आ रहा है तो 2019 में जनता किसे जीत का हार पहनाती है? ये दिलचस्प है.

    करीब 15 साल के वनवास के बाद बदलाव के नारे के साथ सत्ता में आई कांग्रेस ने बीजेपी के कई किलों को धराशाई किया. लेकिन खुद को छप्पर फाड़ समर्थन देने वाले आदिवासी इलाकों में कांग्रेस कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई, जिनमें एक है मंडला लोकसभा सीट. इसमें डिंडौरी, मंडला और सिवनी की 2 और नरसिंहपुर जिले की एक सीट शामिल है.

    मंडला सीट में आने वाली सभी 8 विधानसभा का रिजल्ट देखें तो 2013 के मुकाबले 2018 में बीजेपी ने अपनी साख गवाई है. हालांकि आदिवासी इलाके में बीजेपी का हाथ यूं भी तंग रहा लेकिन 2018 के रिजल्ट ने बीजेपी को एक बार फिर सोचने पर मजबूर जरूर किया.



    मडंला लोकसभा सीट की बात करें तो,

    - 1957 में पहली बार हुआ मंडला सीट पर चुनाव
    - 1957 से 1977 तक 20 साल कांग्रेस के कब्जे में रही सरकार
    - 1977 में भारतीय लोकदल ने पहली बार कांग्रेस से छुड़ाई सीट
    - 1980 में फिर मंडला सीट पर लोगों ने दिया कांग्रेस के साथ, 1996 तक काबिज रही कांग्रेस
    - 1996 में बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते का चला जादू, 2004 तक लगातार 4 बार रहे विधायक
    - 2009 में कांग्रेस के मेसराम ने जीता जनता का दिल, 2014 में मोदी लहर में फिर भगवा हुई मंडला सीट
    - 5वीं बार फग्गन सिंह कुलस्ते बने मंडला से सांसद

    62 साल में मंडला सीट पर अब तक 8 बार कांग्रेस तो 5 बार बीजेपी का कब्जा रहा है. वहीं एक बार लोकतांत्रिक दल का जलवा दिखा, लेकिन इस बार का हिसाब अलग है. यही वजह है कि बीजेपी कांग्रेस दोनों अभी से इस सीट को जीतने सियासी गुणा भाग में जुट गए हैं. कांग्रेस ने एक स्टेप फॉरवर्ड जाते हुए डिंडौरी विधायक और पिछली बार सांसद का चुनाव हारे ओमकार सिंह मरकाम को मंत्री का पद देकर आदिवासियों की उम्मीद बढ़ाई है.

    कांग्रेस मीडिया सेल की अध्यक्ष शोभा ओझा का कहना है कि कांग्रेस ने जीत के लिए खास रणनीति भी बनाई है. साथ ही कांग्रेस के नेताओं ने जमीनी स्तर पर सांसद की कमियां गिनाते हुए उन्हें घेरने का प्लान भी बनाया है. लेकिन इन सब से इतर बीजेपी खुद को सबसे बड़ी आदिवासी हितैषी पार्टी बता रही है.



    मंडला से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते का रिपोर्ट कार्ड

    - 16वीं लोकसभा में सासंद जी की अटेंडेंस रही 85 फीसदी
    - मंडला सांसद कुलस्ते ने 109 सवाल, 41 डिबेट में लिया हिस्सा
    दोनों ही पार्टियों ने एसटी वोटरों को लुभाने अपने अपनी चाल चल दी है. अब देखना होगा मंडला लोकसभा सीट में रहने वाले वोटर किसपर भरोसा जताते हैं.

    (डिंडौरी से विजय तिवारी, मंडला से कृष्णा साहू के साथ भोपाल से सोनिया राणा)

    एक क्लिक और खबरें खुद चलकर आएगी आपके पाससब्सक्राइब करें न्यूज़18 हिंदी  WhatsAppअपडेट्स

    Tags: Lok Sabha Election 2019, Madhya Pradesh Lok Sabha Constituencies Profile, Madhya Pradesh Lok Sabha Elections 2019, Madhya pradesh news, Mandla news, Mandla S12p14

    टॉप स्टोरीज
    अधिक पढ़ें