रिपोर्ट:आलेख तिवारी
मंडला. कर्नाटक राज्य में मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला के मजदूरों का शोषण रुक नहीं रहा है. जिले में पहले भी ऐसी दर्जनों घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जब मजदूरों को यहां के प्रशासन ने छुड़वाया हो. एक बार फिर मंडला जिले के निवास थाना अंतर्गत मामला सामने आया है, जहां 3 गांवों के 24 आदिवासी मजदूरों को बिना पैसों के ही कर्नाटक से खाली हाथ लौटना पड़ा. एक तरह से इन्हें वहां बंधक बना लिया गया था और अब इन्होंने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई है.
निवास मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले ग्राम मुरलापानी, पडरिया, छपरा की महिलाओं सहित कुल 24 मजदूरों को काम के लिए धोखे से कर्नाटक ले जाया गया था. इन लोगों का आरोप है कि मंडला महाराजपुर निवासी मंगल सिंह नाम का शख्स बालाघाट ले जाने के नाम पर कर्नाटक ले गया था. वहां 2 महीने तक इन मजदूरों से कहीं प्याज लगवाने, सोयाबीन तुड़वाने, गन्ने कटवाने जैसे काम 400 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी करवाई गई. लेकिन बाद में उन्हें एक भी रुपया नहीं दिया गया.
इन मजदूरों की दिहाड़ी तो वहां हड़पी ही गई, साथ ही इन्हें गांव वापस भी नहीं आने दिया जा रहा था. जान बचाकर कर्नाटक से लौटे मजदूर गिरजा सिंह भवेदी ने बताया 2 माह पहले दलाल उन्हें कर्नाटक में छोड़कर चला गया था. हम वहां लगातार काम करते रहे. पैसे मांगे तो हमें लौटने भी नहीं दिया जा रहा था. हमने बड़ी मुश्किल से पुलिस से संपर्क किया और प्रशासन की मदद से वापस आ पाए. अब हमने थाने में शिकायत की है. इस पूरे मामले को लेकर थाना प्रभारी निवास का कहना है कि शिकायत मिली है. हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं.
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