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न कोई मूर्ति, न ही कोई निशान फिर भी इस मंदिर में लगती हैं भक्‍तों की लम्बी लाइन, अनूठी है मान्यता

पांच दिनो का लगता है मेला दलदली मंदिर लोगो की आस्था औऱ विश्वास का केंद्र है.

पांच दिनो का लगता है मेला दलदली मंदिर लोगो की आस्था औऱ विश्वास का केंद्र है.

मंडला में है दलदली माता का मंदिर, यहां ना तो कोई प्रतिमा है और ना ही कोई चिन्ह, पांच दिनों तक लगता है मेला, दूर दूर से ...अधिक पढ़ें

    रिपोर्ट, आलेख तिवारी

    मंडला। मंडला जिले के नैनपुर विकासखंड की जेवनारा पंचायत में एक ऐसा मंदिर है जो संतान प्राप्‍ती के लिए जाना फेमस है. इसे दलदली माता के नाम से जाना जाता है. यहां तो न तो कोई प्रतिमा है न काेई विशेष निशान. यहां है सिर्फ एक दलदल जिसे दलदली माता कहा जाता है. प्राचानी मान्‍यताओं के अनुसार  माता इसी दलदल से प्रकट हुईंं थीं. संतान प्राप्ति के लिए यहां पहुंचे लोगों द्वारा मंदिर के सामने भरे दलदल की पूजा की जाती हैं उसके बाद मंदिर के बगल में स्थित पालने के सामने बैठकर संतान प्राप्ति की मन्नत मांगी जाती है. मन्नत पूरी होने पर लोग अपने संतान के साथ पहुंचकर यहां प्रसाद चढ़ाते हैं. यहां के पुजारी बताते हैं कि ये स्थान बहुत प्राचीन है. यहां दूर दूर से लोग संतान प्राप्ति के लिए पहुंचते हैं.

    पांच दिन का लगता है मेला

    दलदली माता का मंदिर लोगों की आस्था औऱ विश्वास का केंद्र है. यहां पौष माह के पूर्णिमा से भक्तों का आगमन शुरु हो जाता है. हर साल हजारों की संख्या में दूर-दूर से यहां श्रद्धालू आते हैं. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र के साथ ही अन्‍य राज्‍यों से भी लोग अपनी मंन्नत लेकर इस स्थान पर आते हैं. बताया जाता है कि इस पवित्र स्थान में नवदम्पति जिनको संतान प्राप्ति नहीं होती है उनकी मन्नत पूरी होती है.  यहां लोग अपने बच्चों का मुंडन करवाते हैं. पौष माह की पूर्णिमा आते ही इस स्थान पर 5 दिनों तक मेला लगता है. जहां स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दूर से हजारों लोग पहुंचते हैं.

    Tags: Mandla news, Mp news

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