की कोशिश के मामले में विशेष अदालत ने दोनों दोषियों को फांसी की सज़ा सुनाई है. कोर्ट ने इरफान और आसिफ दोनों को धारा 376 और पॉक्सो (POCSO) एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए अपना फैसला सुनाया. दोषियों तक पहुंचने में सीसीटीवी फुटेज ने अहम भूमिका निभायी. साथ ही पुलिस ने भी पूरे केस को तत्परता से अदालत तक पहुंचाया.
मंदसौर की आठ साल की यह बच्ची 26 जून को रेप की शिकार हो गई थी. बच्ची रोज की तरह स्कूल गई थी. उसे लेने और छोड़ने रोज परिवार के सदस्य आते थे. लेकिन घटना वाले दिन वे लेट हो गए. स्कूल की छुट्टी होते ही इरफान और आसिफ उसे अपने साथ ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया.
दरिंदों ने बच्ची को मिठाई का लालच देकर अगवा कर लिया था. बच्ची से दुष्कर्म किया और उसकी हत्या की कोशिश की. आरोपियों ने बच्ची को मरा हुआ समझकर पास के खाली प्लॉट में फेंक दिया जहां कंटीली झाड़ियां लगी हुई थी. बच्ची बुरी तरह ज़ख्मी और गंभीर हालत में थी. तभी से उसका इंदौर के एमवाय अस्पताल में इलाज चल रहा है.
बच्ची से रेप की इस घटना के बाद लोग भारी गुस्से में थे. खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घटना को गंभीरता से लिया और सीएस और डीजीपी के साथ बैठक की. सीएम ने अफसरों को साफ निर्देश दिया था कि दरिंदों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने में कानूनी कार्रवाई में किसी तरह की देर और चूक न हो.
इस घटना के विरोध में पूरे प्रदेश में लोग सड़क पर उतरे थे. नीमच-मंदसौर और रतलाम बंद रहे. बच्ची के पिता से लेकर आम जनता तक सबने दरिंदों को फांसी देने की मांग की थी.
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FIRST PUBLISHED : August 21, 2018, 15:35 IST