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OMG! इस प्राचीन मंदिर की तर्ज पर बना संसद भवन! तांत्रिक यूनिवर्सिटी भी है नाम, जानिए रहस्य

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इस मंदिर को तांत्रिक विश्वविद्यालय भी माना जाता है।

Morena News: मितावली गांव की ऊंची पहाड़ी पर मौजूद चौंसठ योगिनी मंदिर खास है. ये हूबहू भारत के संसद भवन की तरह दिखता है. ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट: आकाश गौर

मुरैना: मुरैना में चौंसठ योगिनी मंदिर है. यह मंदिर बेहद खास है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भारत का संसद भवन सन 1920 में इसी शैली पर बना हुआ है. यह मंदिर मुरैना जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर है. मंदिर में 64 कमरे हैं और सभी कमरों में योगिनी और शिवलिंग मौजूद हुआ करते थे, जिस कारण इस मंदिर को 64 योगिनी मंदिर कहा जाता है.

चौसठ योगिनी मंदिर को मितावली मंदिर भी कहा जाता है, क्योंकि यह मुरैना के मितावली गांव में है. मंदिर के बीच में एक खुला हुआ मंडप है. इस मंदिर का निर्माण 1323 ईसवी में हुआ था. यह मंदिर गुर्जर प्रतिहार कालीन मंदिर है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस मंदिर को प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया हुआ है.

ऊंची पहाड़ी पर मंदिर
मितावली गांव की ऊंची पहाड़ी पर मौजूद यह मंदिर स्थानीय लोगों के बीच इकत्तरसो महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. बताया जाता है कि ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियन ने मुरैना स्थित चौंसठ योगिनी मंदिर के आधार पर ही भारतीय संसद भवन को बनवाया था. इस मंदिर की भू योजना विशिष्ट है तथा भारतवर्ष में प्राप्त चौसठ योगिनी मंदिरों की योजना के समान है, जिसमें प्रायः मुख्य मंदिर के चारों ओर वृत्ताकार में देव प्रकोष्ठ ( छोटे-छोटे कमरे जिसमें शिवलिंग हों) होते हैं.

हर कमरे में था शिवलिंग
मंदिर का प्रमुख प्रवेश द्वार पूर्व में है तथा इसके चारों ओर निर्मित प्रकोष्ठ जिसके सामने स्तंभों पर आधारित बरामदा है, जो बहुत छोटे छोटे हैं. इन प्रकोष्ठों में से कुछ में शिवलिंग विद्यमान हैं. मध्य में एक ऊंची गोल जगती पर मुख्य मंदिर है, जिसके गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित है. मंदिर की पहाड़ी की तलहटी में भारी भरकम आभूषण युक्त आदम कद कुषाण कालीन पाषाण प्रतिमाएं हैं, जो वर्तमान में पुरातत्व संग्रहालय ग्वालियर का किले में प्रदर्शित हैं.

तांत्रिक विश्वविद्यालय भी कहा जाता है
यह मंदिर तांत्रिक यूनिवर्सिटी के नाम से भी प्रसिद्ध है. ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर पर सूर्य के पारगमन के आधार पर ज्योतिष और गणित में शिक्षा प्रदान करने का स्थान था. यह भगवान शिव का मंदिर है,  इसी कारण विदेशी भी ज्योतिष और तंत्र विद्या सीखने के लिए आते थे. इस मंदिर पर छत न होने के कारण इसे छत विहीन मंदिर भी कहा जाता है. मितावली गांव में बना यह रहस्यमयी मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है.

उड़न तश्तरी की तरह नजर आता है
इस अद्भुत मंदिर का निर्माण करीब 100 फीट की ऊंचाई पर किया गया है और पहाड़ी पर स्थित यह गोलाकार मंदिर किसी उड़न तश्तरी की तरह नजर आता है. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब 200 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं. चौसठ योगिनी मंदिर के हर कमरे में शिवलिंग और देवी योगिनी की मूर्ति स्थापित थी, जिसकी वजह से इसका नाम 64 योगिनी रखा गया था. हालांकि, अब कई मूर्तियां चोरी हो चुकी हैं.

Tags: Morena news, Mp news

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