स्कूल परिसर में बंधी दबंगों की भैंसें
नया शिक्षा सत्र चालू हो गया है और बच्चों का स्कूल आना भी धीरे-धीरे चालू हो रहा है. लेकिन मुरैना जनपद के सहराना गांव के एक सरकारी स्कूल को गांव के दबंगों ने भैसों के तबेले में तब्दील कर दिया है तो भला ऐसे में बच्चे कहां पढ़ेंगे. यहां स्कूल परिसर में दीवार के सहारे भैंसें बंधती हैं और कमरों में गोबर के कंडे रखे जाते हैं. इससे ना केवल छात्रों को पढ़ाई वंचित होना पड़ रहा है बल्कि खेल मैदान में बच्चे खेल भी नहीं पा रहे हैं.
कई बार शिक्षकों ने इसकी शिकायत पुलिस व शिक्षा विभाग में की है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.यह स्कूल उदाहरण मात्र है वरना पूरे जनपद के ग्रामीण इलाकों में स्कूलों की यही हाल है. शिकायत पर जिम्मेदार अधिकारी हर बार जांच के बाद कार्यवाही की बात कहकर अपना पलड़ा झड़ते नजर आते हैं.
जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर के लगभग दूरी पर सहराना गांव के मिडिल एवं प्राइमरी स्कूल की बिल्डिंग के साथ स्कूल के परिसर पर भी दबंगों का कब्जा है. स्कूल परिसर में भैंसे बंधी हैं और कमरे गोबर के कंडों से भरे हैं. इस सबसे यह स्कूल कम और भैसों का तबेला ज्यादा दिखाई दे रहा है. दोनों स्कूलों के हेडमास्टरों ने कई बार इसकी शिकायत पुलिस व शिक्षा विभाग में की है लेकिन दबंगों का इतना आतंक है कि कोई सुनवाई नहीं होती.
शिक्षकों का आरोप है कि वह जब इन दबंग ग्रामीणों से अतिक्रमण हटाने की बात कहते हैं तो उनको सीधी धमकी मिलती है कि यहाँ नौकरी करनी है तो शांति से करो, नहीं तो सलामत नहीं रहोगे.वैसे कुछ अव्यवस्थाएं इन दोनों स्कूलों में शिक्षकों की पैदा की हुई भी हैं.जैसे भोजन बनाने की सही व्यवस्था यहां देखने को नहीं मिलती है तो यहां शौचालय पर ताला लगा रहता है. छात्रों को शिक्षक से इसे आवश्यकता पड़ने पर खुलवाना पड़ता है और वह भी सिर्फ लड़कियों के लिए खुलता है. इस कारण लड़के खुले में पेशाब को जाते हैं.
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