रिपोर्ट: आकाश गौर
मुरैना: जिले में लगातार 2 दिनों तक हुई हल्की बारिश से ठंडक तो लौट ही आई है, फसलों को भी लाभ हुआ है. क्षेत्र में जहां भी असिंचित खेती है, वहां तो यह पानी अमृत की तरह बरसा. वहीं, इस बारिश के बाद सरसों में भी माहू और इल्ली जैसी दिक्कतें नहीं आ पाएंगी. किसानों को अधिक पैदावार की उम्मीद है.
किसानों की मानें तो बारिश के कारण गेहूं की फसल के लिए अतिरिक्त अब किसी फसल को पानी देने की जरूरत नहीं है. बताया, कई प्रकार के गेहूं की पैदावार होती है. किसी फसल में 5 बार तो किसी में 4 बार पानी देने की जरूरत होती है, लेकिन बारिश के कारण अब एक बार पानी देने से ही कम चल जाएगा. वहीं, सरसों की फसल अधिकतर असिंचित भूमि पर की जाती है, लेकिन इस पानी के कारण असिंचित भूमि को पानी मिलेगा और सरसों की पैदावार अधिक होने के आसार हैं.
सरसों, गेहूं के लिए बहुत फायदेमंद
मुरैना के किसान गजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि बारिश से जो मावट हुई है, यह सरसों के लिए फायदेमंद है. कुछ दिनों से धूप पड़ रही थी, उसके कारण जो सरसों पर माहू आ रहा था, अब वह भी नहीं आएगा. साथ ही यह पानी गेहूं के लिए भी लाभदायक है. सर्दी अच्छी पड़ने लगेगी तो पैदावार अधिक होगी.
मावट को शुभ मानते हैं किसान-कृषि वैज्ञानिक
वहीं, कृषि वैज्ञानिक डॉ. संदीप सिंह तोमर ने बताया कि जो बारिश हो रही है यह काफी अच्छी मानी जाती है. किसान मावट को बहुत शुभ मानते हैं. असिंचित क्षेत्र के लिए तो यह वरदान साबित होगी. इस सीजन में वर्षा होना सिंचाई की तुलना में लाभकारी मानी जाती है. वहीं, जो किसान सरसों में एक बार पानी लगा चुके हैं और दूसरे पानी की तैयारी कर रहे हैं, तो वे दूसरा पानी अब न लगाएं.
अभी फसलों में सिंचाई की जरूरत नहीं
डॉ. तोमर का कहना है कि अभी बारिश हुई है, किसान यदि और पानी देंगे तो फसलों में बीमारी की संभावना बढ़ जाती है. बताया, हमारे क्षेत्र में जितनी भी दलहनी फसल हैं, चाहे वह अरहर की हो, चने व मसूर की फसल हो, मटर की फसल आदि में भी सिंचाई करने की आवश्यकता नहीं है. यह जो बारिश हुई है यह अमृत वर्षा की तरह कारगर साबित होगी।
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