रिपोर्ट: आकाश गौर
मुरैना. नवरात्रि के दौरान भक्तों का देवी के प्रति श्रद्धाभाव चरम पर होता है और कई तरह से दिखाई भी देता है. कैला देवी के भक्त सबसे निराले हैं. अपने परिवार और बच्चों के साथ घरों से पैदल निकल पड़े हैं. कई दिनों और सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा करके राजस्थान स्थित मां के दरबार जा रहे हैं. कुछ भक्त अपनी मन्नतें लेकर यात्रा कर रहे हैं और कुछ भक्त ऐसे हैं, जिनकी मन्नतें पूरी हो चुकी हैं तो देवी को धन्यवाद देने जा रहे हैं. इन भक्तों को रास्ते में कोई मुश्किल न हो, इसके लिए जगह जगह खाने, पीने और सोने के इंतजाम दिख रहे हैं.
कैला माता के दर्शन के लिए भक्तों की पैदल यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं के लिए खाने, पीने और रात्रि विश्राम की व्यवस्था जगह-जगह की गई है. व्यवस्थाएं करने वालों का कहना है कि हम खुद पैदल यात्रा नहीं कर पा रहे हैं, तो भक्तों की मदद करके पुण्य लाभ कमा रहे हैं. उन्होंने बताया पिछले कई वर्षों से लगातार इसी प्रकार से व्यवस्था माता के भक्तों के लिए कर रहे हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि कैला माता का मंदिर राजस्थान के करौली जिले में है. यहां मध्य प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों से भी करीब पांच लाख श्रद्धालु नवरात्रि के दौरान पहुंचते हैं. मुरैना से करीब डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी है. श्रद्धालु रास्ते में चलते हुए माता के जयकारे लगाते हुए भी दिख रहे हैं. कई पैदल श्रद्धालु अपनी-अपनी टोली लेकर निकले हैं. किसी टोली में 100 लोग भी हैं तो किसी में दो ढाई दर्जन भी. पुरुषों के साथ महिलाएं और बच्चे भी लगातार पैदल चल रहे हैं.
अगर आप कैला माता के दर्शन के लिए ऊदल यात्रा करना चाहते हैं तो आपको मुरैना जिला मुख्यालय से सबलगढ़ होते हुए जाना ठीक रहेगा. अटार घाट से होते हुए आप राजस्थान की सीमा में बड़ी आसानी से पहुंच जाएंगे. उसके बाद मढ़राईल की घाटी पार करके करौली जिले में माता के दर्शन कर सकते हैं.
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