मध्यप्रदेश में स्वास्थ सेवाएं किस कदर बीमार पड़ी है इसका एक बड़ा उदाहरण नीमच में देखने को मिल रहा है. नीमच में कहने को तो आधा दर्जन से ज्यादा
हैं, लेकिन सभी खराब व खस्ताहाल है. इन्हें लेकर स्वास्थ्य महकमा इतना लापरवाह है कि इस तरफ कभी ध्यान ही नहीं दिया और यहां के मरीजों को निजी एंबुलेंसों के भरोसे छोड़ दिया. इसके चलते मरीज भारी-भरकम किराया चुकाना पड़ रहा है.
नीमच को जिला बने कई साल बीच चुके हैं, लेकिन आज भी नीमच को जिला अस्पताल विभिन्न सुविधाओं के लिए ही तरस रहा है. इन्हीं सुविधाओं में से एक एंबुलेंस की सुविधा भी है.
ने अस्पताल को कई सालों से नई एंबुलेंस नहीं दी है और जो एंबुलेंस यहां है वे खराब और खस्ताहाल है. सरकारी एंबुलेंसों के खराब होने से यहां निजी आपातकालीन वाहनों का जमावड़ा लग गया है. इस मामले को लेकर कई बार जिला अस्पताल संघर्ष समिति के सदस्यों सहित सामाजिक संस्थानों ने आधिकारियो को आवेदन दिए हैं, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते मरीजों के लिए कोई नई एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो पाई.
नीमच जिला अस्पताल में एंबुलेंस सेवा नहीं होना एक गंभीर मामला है, जिसे लेकर कई बार शिकवे-शिकायतें भी हुई, लेकिन आज तक स्वास्थ्य अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी और जिले के मरीज निजी एंबुलेंसों के भरोसे होकर आर्थिक मार झेलने को मजबूर है. हाल ही में पदस्थ हुए कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने भी अस्पताल का निरिक्षण कर खराब एंबुलेंसों में जो चालू हालत में हो सके उसे सही करवाकर नई व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे. कलेक्टर के निर्देशों की अभी तक पालना नहीं हुई है और आगे भी हो पाती है कि नहीं यह भविष्य पर निर्भर है.
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FIRST PUBLISHED : January 24, 2019, 14:06 IST