जीएसटी लागू होने का असर कई चीजों के साथ इस बार के रावण दहन और रामलीला के आयोजन पर भी पड़ रहा है. जीएसटी के चक्कर में रावण दहन कार्यक्रम के आयोजकों का बजट गड़बड़ा गया है. वहीं, रावण बनाने वाले कारीगरों ने भी अपनी कीमतें बढ़ा दी है.
शहर भी अछूता नहीं है. यहां दशहरे पर रावण दहन जीएसटी लागू होने के चलते महंगा होने जा रहा है. जिसे लेकर रावण दहन करने वाली संस्थाओ को अपना बजट बढ़ाना पड़ रहा है.
आयोजनकर्ताओं ने पिछले बार, रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ सहित आतंकवाद और समसामयिक मुद्दों पर पुतलों का निर्माण किया था. इस बार बजट में कटौती करते हुए केवल रावण सहित केवल तीन पुतले ही बनाए जा रहे हैं.
वहीं, राज्य के कई जिलों में महंगाई के चलते रावण के पुतले की ऊंचाई को कम कर दिया गया है, जिससे की बजट को कम किया जा सके.
वहीं, रावण बनाने वाले कारीगरों को भी जीएसटी के चलते पुतले बनाने की हर एक चीज के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कारीगरों का कहना है कि जीएसटी की वजह से कई वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं.
यह पहला मौका नहीं है जब नोटबंदी या जीएसटी की वजह से कारोबार प्रभावित रहा हो. रक्षाबंधन से त्यौहारी सीजन की शुरुआत मानी जाती है, लेकिन नोटबंदी और जीएसटी की मार के बाद पिछले 10 साल में सीजन की सबसे खराब शुरुआत रही थी.
वहीं त्याग और बलिदान के त्यौहार ईद पर भी बाजार से रौनक गायब थी. नोटबंदी की मार के बाद धीरे-धीरे उबर रहे बाजार पर जीएसटी का ग्रहण साफ दिखाई दे रहा है.
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FIRST PUBLISHED : September 25, 2017, 12:39 IST