VIDEO: सीएम शिवराज की सुरक्षा में बड़ी चूक, बिजली के तारों के पास बना दिया हेलीपैड
एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा में एक बड़ी चूक सामने आई है. रतलाम जिले में शिवराज के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए बिजली के तारों के बेहद करीब ही हेलीपैड बना दिया गया. पायलट ने सतर्कता दिखाते हुए हेलीकॉप्टर की सुरक्षित तरीके से लैंडिंग कराई.
- ETV MP/Chhattisgarh
- Last Updated: November 15, 2015, 8:37 PM IST
एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा में एक बड़ी चूक सामने आई है. रतलाम जिले में शिवराज के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए बिजली के तारों के बेहद करीब ही हेलीपैड बना दिया गया. पायलट ने सतर्कता दिखाते हुए हेलीकॉप्टर की सुरक्षित तरीके से लैंडिंग कराई.
दरअसल, सीएम शिवराज को रविवार को रतलाम उपचुनाव के लिए बिरमाल में एक रैली को संबोधित करना था. इस दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान नहीं रखा गया और बिजली के तारों के पास ही हेलीपैड का निर्माण किया गया था.
इस वजह से लैडिंग के दौरान सीएम का हेलीकॉप्टर बिजली के तारों के बेहद नजदीक से गुजरा. इसे देखकर कुछ पलों के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं और अधिकारियों की भी सांसे थम गई थीं.
कौन है लापरवाही का जिम्मेदार..?सीएम की सुरक्षा का जिम्मा एएसपी प्रशांत दुबे को सौंपा गया था, जबकि इंजीनियर धर्मेंद्र पाटीदार पर सारी व्यवस्था करने की जवाबदारी थीं. सीएम की सुरक्षा में चूक सामने आने के बाद इन दोनों के अलावा बड़े अफसरों ने भी चुप्पी साध ली हैं.
कलेक्टर बी. चंद्रशेखर ने आचार संहिता का हवाला देते हुए कहा कि वो हेलीपेड पर नहीं गए थे.
उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर ने क्लीयरेंस सर्टिफिकेट दिया था. उसके बाद ही हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति दी गई थी.
वहीं पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर एमके सक्सेना ने हेलीपेड के निर्माण से अपना पल्ला छाड़ते हुए कहा कि उनकी जिम्मेदारी केवल लैंगीट्यूट और लौंगीट्यूट की जानकारी देना थी.
दरअसल, सीएम शिवराज को रविवार को रतलाम उपचुनाव के लिए बिरमाल में एक रैली को संबोधित करना था. इस दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान नहीं रखा गया और बिजली के तारों के पास ही हेलीपैड का निर्माण किया गया था.
इस वजह से लैडिंग के दौरान सीएम का हेलीकॉप्टर बिजली के तारों के बेहद नजदीक से गुजरा. इसे देखकर कुछ पलों के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं और अधिकारियों की भी सांसे थम गई थीं.
कौन है लापरवाही का जिम्मेदार..?सीएम की सुरक्षा का जिम्मा एएसपी प्रशांत दुबे को सौंपा गया था, जबकि इंजीनियर धर्मेंद्र पाटीदार पर सारी व्यवस्था करने की जवाबदारी थीं. सीएम की सुरक्षा में चूक सामने आने के बाद इन दोनों के अलावा बड़े अफसरों ने भी चुप्पी साध ली हैं.
कलेक्टर बी. चंद्रशेखर ने आचार संहिता का हवाला देते हुए कहा कि वो हेलीपेड पर नहीं गए थे.
उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर ने क्लीयरेंस सर्टिफिकेट दिया था. उसके बाद ही हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति दी गई थी.
वहीं पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर एमके सक्सेना ने हेलीपेड के निर्माण से अपना पल्ला छाड़ते हुए कहा कि उनकी जिम्मेदारी केवल लैंगीट्यूट और लौंगीट्यूट की जानकारी देना थी.