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बैसाखी पर लटका जिला अस्पताल का सिस्टम, स्टॉफ ने कहा 'कौन सी बड़ी बात है' ?

गुना के जिला अस्पताल में नर्स ने दिव्यांग मरीज की बैसाखी को ही बेड से बांध कर ड्रिप स्टैंड बना दिया

गुना के जिला अस्पताल में नर्स ने दिव्यांग मरीज की बैसाखी को ही बेड से बांध कर ड्रिप स्टैंड बना दिया

नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही का आलम ये कि दिव्यांग मरीज की बैसाखी को ही ड्रिप स्टैंड बना दिया और तो और अस्पताल प्रबंधन के ...अधिक पढ़ें

गुना: मध्य प्रदेश के गुना जनपद (Guna district) में सिस्टम इस कदर संवेदनहीन और लापरवाह हो चुका है कि उसे 65 वर्षीय दिव्यांग का मजाक उड़ाने से भी परहेज नहीं रहा. यहां के जिला अस्पताल (District Hospital) के नर्सिंग स्टॉफ (nursing staff) ने एक हैरतंगेज कारनामा करते हुए एक दिव्यांग मरीज की बैसाखी (crutch ) को ही ड्रिप स्टैंड में तब्दील कर दिया. सिर्फ इतना ही नहीं जब उनसे इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कंधे उचकाते हुए जवाब दिया कि 'इसमें कौन सी बड़ी बात हो गई ?'

बैसाखी को बना दिया ड्रिप स्टैंड
जी हां हम बात कर रहे हैं गुना के जिला अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग स्टॉफ की जिन्होंने अनोखा आविष्कार करते हुए एक दिव्यांग मरीज की बैसाखी को ही ड्रिप स्टैंड में परिवर्तित कर दिया. ऊपर से दलील ये कि "कौन सी बड़ी बात है ?" पूरा वाकया इस प्रकार है कि गुना के जिला अस्पताल में रुठियाई निवासी प्रेमनारायण अहिरवार ब्लड शुगर बढ़ने के कारण इलाज के लिए पहुंचे थे. 65 वर्षीय दिव्यांग मरीज को जांच करने के बाद उनकी खराब हालत को देखते हुए अस्पताल में तो भर्ती कर लिया गया लेकिन इलाज के दौरान जब ड्रिप चढ़ाने की बात आई तो ड्रिप स्टैंड ही नहीं मिला. ड्रिप स्टैंड लाकर लगाने के बजाए नर्सिंग स्टाफ ने दिव्यांग की बैसाखी को ही स्टैंड बना कर बेड में बांध दिया.

संवेदनहीन सिस्टम
बैसाखी को ड्रिप स्टैंड में परिवर्तित करने वाले इस अनोखे आविष्कार को देखकर खुद मरीज और उसके परिजन भी हैरान रह गए, लेकिन इलाज जरुरी था इसलिए कुछ कर न सके. बुजुर्ग प्रेमनारायण अहिरवार को इलाज मुहैया कराने के नाम पर नर्सिंग स्टॉफ ने जो शार्टकट तरीका अपनाया वो बेहद संवेदनहीन और शर्मसार करने वाला था. news18 संवाददाता जब मामले की पड़ताल करने अस्पताल पहुंचे तो यह देख कर दंग रह गए. वहीं लापरवाह सिस्टम की भेंट चढ़ा मरीज कभी ड्रिप को देखता तो कभी अपनी बैसाखी को. दिव्यांग प्रेमनारायण की पत्नी अपने पति के सिरहाने बैठी रही कि कब जरुरत पड़ने पर उसे अपने पति का सहारा बनना पड़े क्योंकि जिस बैसाखी के सहारे प्रेमनारायण अस्पताल पहुंचा था उसे तो अस्पताल वालों ने पलंग से बांधकर ड्रिप स्टैंड बना दिया था.

गुना जिला अस्पताल में भर्ती दिव्यांग मरीज प्रेमनारायण अहिरवार ने news 18 से साझा की अपनी पीड़ा


अस्पताल प्रबंधन के इस कारनामे के बारे में जब CMHO से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने ये कहते हुए पल्ला झाड़ लिया की सिविल सर्जन से पूछिए वो ही बताएंगे मुझसे बात मत कीजिए. कमलनाथ कैबिनेट में इस जिले से 2-2 मंत्री शामिल हैं लेकिन उसके बावजूद जिला अस्पताल की स्थिति दयनीय बनी हुई है.
कुछ समय पहले गुना दौरे पर आए मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट (Health Minister Tulsi Silavat) ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की सख्त हिदायत भी जिम्मेदार अधिकारियों को दी थी लेकिन पूरा मामला ढाक के तीन पात होकर रह गया. बहरहाल बैसाखी के सहारे खड़ा जिला अस्पताल खुद भी दिव्यांग बन गया है जिसका भविष्य अंधकारमय दिखाई दे रहा है.

सिविल सर्जन की सफाई
हालांकि CMHO के रवैये के बाद जब news 18 ने इस खबर को टेलीकास्ट किया और अस्पताल प्रबंधन से इस बारे में जानकारी करनी चाही तो अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया है. खबर दिखाए जाने के बाद अब सिविल सर्जन ने दोषी नर्सिंग स्टाफ को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. वहीं खबर के बाद दिव्यांग की बैसाखी को भी हटा दिया गया है. इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. एस के श्रीवास्तव ने सफाई देते हुए कहा कि मामला संज्ञान में आते ही उन्होंने कार्यरत नर्सिंग स्टाफ को नोटिस जारी कर दिया है और दिव्यांग मरीज की बैसाखी को उसके सुपुर्द कर दिया है.

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Tags: Guna district, Guna News, Madhyapradesh news

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