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MP News: नवजात की देखभाल में राजगढ़ पिछड़ा, एसएनसीयू रैंकिंग में 50वें स्थान पर

14 वें नंबर से फिसलकर 50 वें नंबर पर पहुंचा राजगढ़ 

14 वें नंबर से फिसलकर 50 वें नंबर पर पहुंचा राजगढ़ 

मध्यप्रदेश में जारी की गई एसएनसीयू रैंकिंग में राजगढ़ 50वें स्थान पर चला गया है, जबकि इसके पहले जिला 14वें स्थान पर था. ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट: शुभम जायसवाल

राजगढ़: नवजात की देखभाल में अशोकनगर और राजगढ़ एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट) के हालात प्रदेश में सबसे ज्यादा खराब हैं. ताजा रैंकिंग के मुताबिक राजगढ़ प्रदेश में 50वें स्थान पर है. इससे पहले की रैकिंग में राजगढ़ 14वें नंबर पर था. राजगढ़ एसएनसीयू के हालात बिगड़ने का कारण एसएनसीयू प्रभारी आरएस माथुर ने अस्पताल में एनेस्थीसिया डॉक्टर का नहीं होना बताया है.

डॉक्टर माथुर ने बताया कि अस्पताल में एनेस्थीसिया का डॉक्टर लंबे समय से नहीं है. इस कारण यहां सीजर ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं. सीजर वाली डिलीवरी भी नॉर्मल की जा रही हैं, जिसके कारण एसएनसीयू में शिशुओं की संख्या बढ़ गई है. अगर अभी भी डॉक्टर नहीं आ पाए तो आगे और भी हालात बिगड़ जाएंगे.

संविदा कर्मियों की हड़ताल का भी असर
प्रभारी ने बताया कि जिला अस्पताल में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी भी पिछले महीने हड़ताल पर रहे. इस कारण एनआरसी में भी उतने कुपोषित बच्चों का एडमिशन नहीं हो सका, जितना होना चाहिए था. किसी भी संस्था में होने वाली डिलीवरी के 8% से 12% बच्चे एसएनसीयू में आ सकते हैं. इसे सामान्य तौर पर लिया जाता है. इससे कम या ज्यादा होने पर जांच होती है. लेकिन, अभी प्रदेश के 12 जिले ऐसे हैं, जहां 12% से ज्यादा बच्चे एसएनसीयू में पहुंच रहे हैं. सबसे ज्यादा मंडला में 21.3% बच्चे एसएनसीयू तक आ रहे हैं. इसी में सीहोर, नरसिंहपुर, जबलपुर, धार, ग्वालियर, टीकमगढ़, होशंगाबाद, बालाघाट, आगर, नीमच और राजगढ़ भी शामिल हैं.

Tags: Health News, Mp news, New born, Rajgarh News

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