महालक्ष्मी मंदिर : 50 हजार रुपए से ज्यादा की राशि लौटाने पर प्रशासन ने लगाई रोक

कुबेर के खजाने से सजा महालक्ष्मी मंदिर
मध्यप्रदेश के रतलाम में मौजूद महालक्ष्मी मंदिर पर कुबेर का खजाना श्रंगार के रूप में बरस रहा है. कुबेर के खजाने के लिए मशहूर रतलाम के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर पर अब प्रशासन ने नजरे जमीं हुई हैं. दीपावली के दौरान महालक्ष्मी मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा रखी गई 50 हजार से अधिक की राशि लौटाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: November 11, 2018, 11:58 PM IST
अपने 'कुबेर के खजाने' के लिए मशहूर रतलाम के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर पर अब प्रशासन ने नजरे जमीं हुई हैं. दीपावली के दौरान मंदिर में 50 हजार रुपए से अधिक की राशि रखने वाले श्रद्धालुओं की राशि लौटाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है.
दरअसल चुनाव आयोग में शिकायत होते ही प्रशासन ने इस पर कार्रवाई की है. इसके बाद प्रशासन अब 'कुबेर के खजाने' का ऑडिट कर राशि जनता को लौटाएगा. इस राशि की पड़ताल के लिए तीन सदस्यीय टीम मंदिर में डेरा डाले हुए है.
चुनाव आयोग को की गई शिकायत में बताया गया कि मंदिर में रखी गई बड़ी रकम काला धन हो सकती है, जिसका इस विधानसभा चुनाव में उपयोग होने की आशंका है. इसके चलते अब प्रशासन ने 50 हजार से अधिक राशि रखने वालों से पूरे दस्तावेज तलब किए हैं और पूरी तफ्तीश के बाद ही बड़ी रकम लोगों को वापस दी जाएगी. हालांकि इस कार्रवाई के बाद अब नई बहस छिड़ गई है.
गौरतलब है कि हंर बार की तरह महालक्ष्मी मंदिर को दीपोत्सव पर करोड़ों रुपए की नकदी, हीरे-जवाहरात और आभूषण से सजाया गया. इस बार मामला थोड़ा अलग है, क्योंकि चुनावी माहौल है और प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लगी हुई है. निर्वाचन आयोग को करोड़ों रुपए मंदिर में आने की शिकायत पहुंचते ही प्रशासन ने तत्काल इस पर संज्ञान ले लिया है.
यह भी पढ़ें- 100 करोड़ के नोटों से सजा है मंदिर, प्रसाद में मिलते हैं गहने
यह भी पढ़ें- VIDEO: रतलाम में दो कारों से 6.21 लाख रुपए जब्त
दरअसल चुनाव आयोग में शिकायत होते ही प्रशासन ने इस पर कार्रवाई की है. इसके बाद प्रशासन अब 'कुबेर के खजाने' का ऑडिट कर राशि जनता को लौटाएगा. इस राशि की पड़ताल के लिए तीन सदस्यीय टीम मंदिर में डेरा डाले हुए है.
चुनाव आयोग को की गई शिकायत में बताया गया कि मंदिर में रखी गई बड़ी रकम काला धन हो सकती है, जिसका इस विधानसभा चुनाव में उपयोग होने की आशंका है. इसके चलते अब प्रशासन ने 50 हजार से अधिक राशि रखने वालों से पूरे दस्तावेज तलब किए हैं और पूरी तफ्तीश के बाद ही बड़ी रकम लोगों को वापस दी जाएगी. हालांकि इस कार्रवाई के बाद अब नई बहस छिड़ गई है.
गौरतलब है कि हंर बार की तरह महालक्ष्मी मंदिर को दीपोत्सव पर करोड़ों रुपए की नकदी, हीरे-जवाहरात और आभूषण से सजाया गया. इस बार मामला थोड़ा अलग है, क्योंकि चुनावी माहौल है और प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लगी हुई है. निर्वाचन आयोग को करोड़ों रुपए मंदिर में आने की शिकायत पहुंचते ही प्रशासन ने तत्काल इस पर संज्ञान ले लिया है.
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