MP चुनाव: इस सीट पर चपरासी के बेटे ने केंद्रीय मंत्री के बेटे को दी ‘पटखनी’

प्रतिकात्मक तस्वीर
मनोज चावला के पिता कलेक्ट्रेट में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं. मनोज को टिकट देने के बाद कांग्रेस ने खुद उन्हें अकेला छोड़ दिया था. कोई भी बड़ा नेता उनके क्षेत्र में प्रचार के लिए नहीं गया.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: December 14, 2018, 10:13 AM IST
प्रदेश में भले कांग्रेस की सरकार बन गई हो लेकिन रतलाम की एक सीट ऐसी चर्चा में रही जिसने तमाम राजनीतिक पंडितों के पूर्वानुमान को धूमिल कर दिया. वो है आलोट विधानसभा सीट, जहां एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (चपरासी) के बेटे ने केंद्रीय मंत्री के पुत्र को पटखनी दी है.
दरअसल जिस वक्त प्रेमचंद गुडडु और उनके बेटे अजीत बौरासी ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा था उस वक्त बीजेपी इस सीट पर एक तरफा जीत का दावा कर रही थी. केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत भी इस सीट पर अपने विधायक बेटे जितेंद्र गहलोत की जीत को लेकर आश्वस्त थे. मगर कांग्रेस के नए नवेले चेहरे मनोज चावला का जादू ऐसा चला कि बीजेपी के दावे फेल हो गए.
बता दें कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के ये वो बड़े नाम हैं जो आलोट विधानसभा की सीट बीजेपी की झोली में डालने में नाकाम रहे है. इस सीट से केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत के बेटे जितेंद्र गहलोत दूसरी बार मैदान में थे. लेकिन कांग्रेस के नए नवेले चेहरे मनोज चावला से चुनाव हार गए.
ये भी पढ़ें- कमलनाथ बने सीएम तो कैबिनेट में होंगे ये मंत्री, कई बड़े नेताओं का कट सकता है पत्ता!मनोज चावला के पिता कलेक्ट्रेट में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं. मनोज को टिकट देने के बाद कांग्रेस ने खुद उन्हें अकेला छोड़ दिया था. कोई भी बड़ा नेता उनके क्षेत्र में प्रचार के लिए नहीं गया. सिर्फ रस्म अदाएगी के लिए राज बब्बर आए. वहीं दूसरी ओर पूर्व सीएम शिवराज सिंह, योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आलोट में कई आमसभाएं कर जितेंद्र को जिताने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी थी.
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केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत पूरे समय सिर्फ आलोट में ही डेरा डाले रहे. बावजूद इसके केंद्रीय मंत्री नौसिखिए नेता के सामने अपनी साख बचाने में नाकाम रहे और उनके बेटे जितेंद्र गहलोत 5 हजार वोटों से चुनाव हार गए. वहीं विधायक मनोज चावला ने इस जीत को धनबल और बाहुबल पर कार्यकर्ताओं की जीत बता रहे हैं.
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दरअसल जिस वक्त प्रेमचंद गुडडु और उनके बेटे अजीत बौरासी ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा था उस वक्त बीजेपी इस सीट पर एक तरफा जीत का दावा कर रही थी. केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत भी इस सीट पर अपने विधायक बेटे जितेंद्र गहलोत की जीत को लेकर आश्वस्त थे. मगर कांग्रेस के नए नवेले चेहरे मनोज चावला का जादू ऐसा चला कि बीजेपी के दावे फेल हो गए.
बता दें कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के ये वो बड़े नाम हैं जो आलोट विधानसभा की सीट बीजेपी की झोली में डालने में नाकाम रहे है. इस सीट से केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत के बेटे जितेंद्र गहलोत दूसरी बार मैदान में थे. लेकिन कांग्रेस के नए नवेले चेहरे मनोज चावला से चुनाव हार गए.
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केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत पूरे समय सिर्फ आलोट में ही डेरा डाले रहे. बावजूद इसके केंद्रीय मंत्री नौसिखिए नेता के सामने अपनी साख बचाने में नाकाम रहे और उनके बेटे जितेंद्र गहलोत 5 हजार वोटों से चुनाव हार गए. वहीं विधायक मनोज चावला ने इस जीत को धनबल और बाहुबल पर कार्यकर्ताओं की जीत बता रहे हैं.
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