अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में अब तक 1,16,153 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. 84,699 मरीज इलाज के बाद संक्रमण मुक्त हुए हैं, राज्य में 30,468 मरीज उपचाराधीन हैं. वायरस से संक्रमित 986 लोगों की मौत हुई है.
भोपाल. प्रदेश में अनलॉक 4 (Unlock 4) के बाद से जिस तरह सभी गतिविधियों को शुरू किया जा रहा है, उससे दोगुनी रफ्तार से कोराना संक्रमण (Corona Infection) फैल रहा है. प्रदेश में कोरोना संक्रमितओं के आंकड़े एक लाख की संख्या को पार कर चुके हैं. शनिवार को कोरोना (Corona) से हुईं मौत के आंकड़ों अब तक के सबसे बड़े आंकड़े दर्ज किये गये हैं. बीते 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना से 42 लोगों की मौत हो चुकी है. दिनों दिन मौत के बढ़ते आंकड़ों ने स्वास्थ्य विभाग (Helth Department) के लिए परेशानी खड़ी कर दी है, जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम अब मौत के पीछे का सच जानने में जुट गई है.
स्वास्थ्य विभाग ने एक टीम का गठन किया है जो कोरोना से हो रही मौतों के बारे में जानकारी जुटा रही है. प्रदेश भर में कोरोना संक्रमण से जान खोने वाले मृतकों की पूरी हिस्ट्री निकाली जा रही है. इस पड़ताल में जो सच सामने आया है वह चौंकाने वाला है. ऑडिट में खुलासा विभागीय अधिकारियों की मानें तो सबसे ज्यादा खतरा हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, किडनी, हार्ट की पुरानी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों और बुजुर्गों को है.
रिपोर्ट में क्या है
बीते सप्ताह जारी रिपोर्ट के अनुसार कोरोना से जिनकी मौत हुईं उनमें 63 फीसदी दूसरी बीमारियों से ग्रसित थे, जबकि 37 फीसदी लोगों की मौत की वजह कोरोना संक्रमण को बताया गया है. प्रदेश में कोरोना से हुई मौतों की स्थिति 60 साल से कम उम्र के 54 प्रतिशत यानी 942 मरीजों की मौत हुई है. वहीं 60 साल से अधिक उम्र के 46 फीसदी यानी 816 बुजुर्गों की मौत हुई है.
बुजुर्गों को ज्यादा खतरा
रिपोर्ट मे बताया गया है कि बीमारियां कम्युनिटी बन रही हैं. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गो में बढ़ रहा है. खासतौर पर जिन्हें पुरानी कोई बीमारियां हैं. 13 सितंबर तक के आंकड़ों को देखें तो विभाग की रिपोर्ट बताती है कि 1758 मृतकों में 54 फीसदी यानी 942 मरीज 60 साल से अधिक उम्र के थे. 46 फीसदी यानी 816 मरीज की उम्र 60 साल से कम थी. 60 साल से अधिक उम्र के जिन 942 कोरोना संक्रमित बुजुर्गो की मौतें हुईं, उनमें से 67 फीसदी यानी 631 मरीज पुरानी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे. सिर्फ 33 फीसदी यानी 311 मरीज बुजुर्ग मरीज थे, जिनकी मौत कोरोना संक्रमण से हुई. इनकी मौत के पीछे एक्सपर्ट डॉक्टर्स का तर्क है कि जांच और उपचार में देरी होने से संक्रमण शरीर में फैला और हालत बिगड़ने से इनकी मौत हो गई. ऐसे में परिवार के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.
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