नया कानून लागू होने पर 300 से ज्यादा होटलों में चल रहे हुक्का बार बंद हो जाएंगे. (फाइल फोटो)
भोपाल. किशोरों और युवाओं को हुक्का के जरिए नशे में झोंक रहे 300 से ज्यादा रेस्तरां-कैफे मालिकों पर मध्य प्रदेश सरकार ने नकेल कसने की तैयारी कर ली है. हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाने के प्रावधान वाले एक संशोधन बिल को मध्य प्रदेश की कैबिनेट ने मंजूरी दे है.
संशोधन में यह प्रावधान रखा गया है कि प्रदेश में हुक्का बार का संचालन अवैध माना जाएगा. इसके बाद भी यदि कोई हुक्का बार का संचालन करता है तो उसे तीन साल तक की कैद होगी. मंगलवार को इस संबंध में तैयार किए गए संशोधित बिल को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई है. संभवत: अब बिल को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है. यहां से बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह लागू हो जाएगा. सूत्र बताते हैं कि मध्य प्रदेश से पहले चार अन्य राज्यों को भी राष्ट्रपति हुक्का प्रतिबंध की मंजूरी दे चुके हैं, इसलिए मध्य प्रदेश को भी आसानी से स्वीकृति मिल जाएगी.
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चार राज्य पहले ही बना चुके हैं कानून
गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुक्का बंद करने का कानून पहले से बन चुका है. अब इस तरह का कानून बनाने वाला मप्र पांचवां राज्य होगा. मप्र सरकार ने भी दूसरे राज्यों की तरह केंद्र के ‘सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम-2003 में संशोधन करके हुक्का बार प्रतिबंध लगाने का रास्ता अपनाया है.
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बिना वारंट के संचालक को किया जा सकेगा गिरफ्तार
सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार ने बिल में हुक्का बार संचालन को संज्ञेय (शिकायत आने पर बिना किसी वारंट के पुलिस न केवल गिरफ्तार करेगी, बल्कि तुरंत कार्रवाई भी करेगी) अपराध माना है. पुलिस के सब इंस्पेक्टर या उससे ऊपर के अधिकारी को कार्रवाई का अधिकार दिया गया है. वे तुरंत हुक्का बार पहुंचकर सामान जब्त करेंगे और अपराध दर्ज करेंगे.
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दूसरे राज्यों के कानून का अध्ययन कर बनाया नया बिल
मध्य प्रदेश सरकार ने भी गुजरात और महाराष्ट्र की तरह कानून का उल्लंघन करने पर कम से कम सजा 1 साल और अधिकतम 3 साल की जेल की सजा का प्रावधान रखा है. जुर्माने का प्रावधान राजस्थान और छत्तीसगढ़ से लिया गया है. यहां 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक जुर्माना रखा है.
इसलिए लाना पड़ा बिल
मध्य प्रदेश में लंबे वक्त से जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता हुक्का बार को बंद करने की मांग करते आए हैं. कानून न होने से सरकार के हाथ बंधे थे. फिर भी कलेक्टर के जरिए धारा 144 के जरिए इन पर प्रतिबंध लगाया जाता रहा है. हाल ही में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इन प्रतिबंधों स्टे दे दिया था. लिहाजा, पुलिस हुक्का बार पर कार्रवाई नहीं कर पा रही थी.
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