रिपोर्ट – आशुतोष तिवारी
रीवा. ओलावृष्टि और बारिश ने पहले प्रदेश और विंध्य के किसानों की होली किरकरी कर दी थी, जिसमें खेती प्रभावित हुई. इसके बाद 19 मार्च को एक बार फिर रीवा में जमकर ओले की बारिश हुई थी. इससे भी खेत में खड़ी फसल का काफी नुकसान हुआ. सरकार ने मुआवजे के लिए कवायद भी करवाई, तब जाकर किसानों ने राहत की सांस ली. लेकिन अब फिर जोरदार बारिश ने किसानों की आफत बढ़ा दी है. गर्मी के मौसम में शुक्रवार को एक बार फिर तेज बारिश और ओलों ने न सिर्फ किसानों बल्कि आम लोगों के लिए भी अच्छी खासी परेशानियां खड़ी कर दीं.
आफत की बारिश ने पूरे जिले और क्षेत्र के किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. किसानों का कहना है कि बारिश के कारण कटी फसल तबाह हो गई है. बेमौसम बरसात ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है. किसान उम्मीद लगाए बैठे थे इस बार बेहतर खेती होगी, लेकिन बारिश ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. प्रकृति के कहर ने किसानों का सब कुछ लूट लिया अब सिर्फ उनकी आंखों में आंसू ही बचे हैं.
जिले में सिरमौर, त्योंथर, चाकघाट और सेमरिया क्षेत्र में जमकर ओले की बारिश हुई. यहां तक कि सिरमौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भड़रा गांव निवासी 59 वर्षीय किसान राममिलन विश्वकर्मा की ओलावृष्टि की वजह से खेत पर ही मौत हो गई. विश्वकर्मा अधिया लेकर खेती किया करते थे और मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करते थे.
ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों में हाहाकार है, तो बारिश ने शहरी क्षेत्र में भी लोगों का परेशान किया. भारी बारिश से कुछ सड़कों की पोल खुली तो कहीं पेड़ों और बिजली के तारों को नुकसान होने की खबरें भी रहीं. कुछ इलाकों में बिजली भी गुल होती रही.
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