रिपोर्ट: अनुज गौतम
सागर: चैत्र नवरात्रि में जवारे की खेती कर माता शक्ति की आराधना की जाती है. सागर के गुलौआ गांव में एकमात्र दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की गई. यहां 12 फीट ऊंची महाकाली की झांकी सजाई गई, जिसमें मां राक्षसों का संहार करते हुए भयानक रूप में नजर आ रही हैं. बता दें कि बिना ब्लॉक में आने वाले इस गांव में दूसरी बार महाकाली की झांकी सजाई गई है.
गांव के ही कुछ युवाओं ने इसको लेकर पहल की थी तो पिछले साल से इसकी शुरुआत की गई. वहीं इस बार गुप्ता गार्डन में भव्य झांकी सजाने के बाद अलग-अलग दिन यहां पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलता रहा. रोजाना सैकड़ों लोग माता की पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचे. वहीं चैत्र की दशमी तिथि की रात में झांकी के साथ ही चल समारोह निकाला गया.
कलाकार ने किया नृत्य, महिलाओं ने गरबा
इस चल समारोह में महाकाली स्वरूप के रूप में भी कलाकार के द्वारा नृत्य किया जा रहा था. वह हाथ में खप्पर लेकर भयानक नृत्य करते हुए नजर आए . असल में मां कंकाली का भेस धरकर कलाकार द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया जाता है और मां से जुड़ी एक पौराणिक कथा को दर्शाया जाता है. इसके साथ ही इसमें गरबा किया जा रहा था. महिलाएं माता की भक्ति में लीन होकर नाच रही थी आगे अखाड़ा चल रहा था पीछे डीजे पर मां के भजन चल रहे थे. सैकड़ों की संख्या में लोग इस चल समारोह में शामिल थे.
प्रतिमा का विसर्जन
बता दें कि गुलौआ से होते हुए विभिन्न मार्गों से गुजर कर यह महाकाली की प्रतिमा मोतीचूर नदी पर पहुंची, जहां पर प्रतिमा का विसर्जन किया गया. वैसे तो आश्विन माह में सभी जगहों पर दुर्गा प्रतिमाएं विराजित की जाती हैं लेकिन जिले की एकमात्र प्रतिमा चैत्र माह में भी विराजित की गई जिसको लेकर भक्तों श्रद्धालुओं में काफी उत्साह उमंग देखने को मिली.
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