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बुंदेलखंड के प्रसिद्ध रहस मेले का जानिए रहस्य, 101 नर्तकियों का राई नृत्य देख चौंक उठेंगे आप

Bundelkhand का रहस मेला करीब 218 साल पुरानी परंपरा का प्रतीक है. यहां आज भी कई ऐसी परंपराओं और वस्तुओं का प्रदर्शन होता ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट: अनुज गौतम

सागर: बुंदेलखंड के अलग-अलग इलाकों में लगने वाले मेले अपनी अलग सभ्यताओं के लिए जाने जाते हैं, लेकिन सागर के गढ़ाकोटा में लगने वाला रहस मेला अपने आप में अनोखा है. दूर-दूर से लोग इस मेले में पहुंचते हैं. पशु मेले के लिए चर्चित यह मेला अब लोगों के लिए भी उपयोगी साबित होने लगा है. रहस मेले की शुरुआत बसंत पंचमी पर झंडारोहण होने के साथ की जाती है और समापन रंग पंचमी पर भव्य कार्यक्रम के साथ होता है.

सालों से चली आ रही परंपरा आज भी निरंतर जारी है. रहस मेले की शुरुआत 218 साल पहले की गई थी. इसे बुंदेला शासक और गढ़ाकोटा रियासत के महाराजा मर्दन सिंह जूदेव के राज्याभिषेक की वर्षगांठ पर शुरू किया गया था. उस दौरान मेले में हाथी, घोड़े, ऊंट के साथ गाय, भैंस, बैल सहित अन्य मवेशियों का बहुत बड़ा बाजार लगता था, तब से ही यह मेला चला आ रहा है. बीच में इसकी लोकप्रियता में कुछ कमी आई थी लेकिन जब से इसे मंत्री गोपाल भार्गव ने संरक्षित किया है, तब से यह और ख्याति पाता जा रहा है.

सरकार के स्टॉल भी लगते हैं
समय के साथ रहस मेले का स्वरूप भी बदलता जा रहा है. यहां पर मवेशियों की खरीदी बिक्री होने के साथ ही अब शासन की योजनाओं के लिए कई प्रकार के स्टॉल लगाए गए हैं. व्यापार-व्यवसाय के साथ मनोरंजन के अलावा बुंदेली कला संस्कृति और परंपरा की भी रीति आवाज देखने समझने को मिलते हैं, जिसमें हितग्राही सीधे आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं.

पारंपरिक नृत्य भी देखिए
शाम को यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं. लोक उत्सव भव्य रूप में मनाया जाता है, जिसमें 101 नर्तकियों के द्वारा राई नृत्य किया जाता है. हजारों की संख्या में लोग राई नृत्य को देखने के लिए पहुंचते हैं. रहस मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष दीपू भार्गव ने बताया कि बरसों पुरानी परंपरा में अब यह मेला लोगों के लिए उपयोगी सिद्ध होने लगा है. यहां पर शासन के द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का हितग्राहियों को लाभ मिलता है. जिन्होंने अच्छा काम किया है, उन्हें सम्मानित किया जाता है और हुनरमंदों की सराहना की जाती है.

Tags: Bundelkhand, Mp news, Sagar news

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