एनीमल टेस्ट ट्यूब बेबी होगा
रिपोर्ट- अनुज गौतम
सागर. मध्य प्रदेश के सागर जिले में पहली बार टेस्ट ट्यूब एनिमल बेबी होगा. यह प्रयोग राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत किया जा रहा है, जिसका काम भी शुरू हो गया है. 2 महीने बाद विशेषज्ञों की टीम सागर आएगी और फिर भ्रूण प्रत्यारोपण करेगी जिसके बाद अच्छी नस्ल की गायों के बछड़े पैदा होंगे.
10 जिलों का हुआ चयन, सागर का नंबर पहला
इस तरह का प्रयोग इसलिए किया जा रहा है ताकि देसी नस्ल की गाय और बैल तैयार हो जाएं. प्रदेश के 10 जिलों का चयन किया गया है. इस योजना में सागर, खंडवा, सीहोर, विदिशा, रायसेन, दमोह, छिंदवाड़ा, खरगोन और नरसिंहपुर जिला शामिल है. इनकी खासियत क्या है वह भी की टेस्ट ट्यूब तकनीक से पैदा गाय अपनी नस्ल के मुताबिक ही दूध देगी. दूध में किसी प्रकार का कोई अंतर नहीं आएगा.
बता दें कि अभी तक भोपाल अहमदाबाद रुड़की की लैब में इसके परीक्षण हो रहे थे जिनमें सफलता मिलने के बाद अब इसे मैदानी तौर पर करने की तैयारी की गई है. इस तकनीक में गाय के अंडाणु और सांड के वीर्य का निषेचन टेस्ट ट्यूब में किया जाता है. इसमें सोनोग्राफी मशीन और ओवम पिकअप एसेंबली की सहायता से गाय का अंडाणु टेस्ट ट्यूब में एकत्रित किया जाता है. उसे गाय की ओवरी के तापमान में रखा जाता है. उसके बाद बेहतर नस्ल के वीर्य से अंडाणु को निषेचित कराया जाता है, इसमें बाद लैब के इंक्यूबेटर में उन्हें उचित तापमान में रखा जाता है जिसके बाद टेस्ट ट्यूब एनिमल बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.
जानिए कितना मिलेगा अनुदान
इस तरह को कम उत्पादन कम क्षमता वाली गायों में प्रत्यारोपित किया जाएगा. ताकि उनकी नस्ल सुधारो दूध उत्पादन क्षमता बड़े. इसको लेकर पशुविभाग के उपसंचालक डीके पटेल ने बताया कि अभी सागर जिले के लिए 375 भ्रूण प्रत्यारोपण का लक्ष्य मिला है इसके लिए गायों का चयन शुरू हो गया है, 2 महीने बाद टीम आएगी. नई तकनीक पर 21,000 रुपए का खर्च आ रहा है. शुरुआत में किसान को गायों का गर्भाधान कराने पर 19,500 रुपए का अनुदान मिलेगा यानी लोगों को प्रत्येक गर्भाधान पर मात्र 1500 रुपए देने होंगे.
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