रिपोर्ट- अनुज गौतम
सागर. चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिंदू नव वर्ष शुरू हो गया है. इसके साथ ही बुंदेलखंड के ज्योतिष आचार्यों के द्वारा बनाए गए बुंदेलखंड पंचांग का रीति रिवाज और विधि विधान से पूजन किया गया. जिसके बाद पंडितों के द्वारा इसका उपयोग शुरु किया जाएगा. चैत्र महीने की प्रतिपदा से हिन्दी पंचांग का नया विक्रम संवत् 2080 शुरू हो गया है.
ज्योतिषियों के मुताबिक नवसंवत्सर का नाम नल है. इस नए वर्ष के राजा बुध हैं और मंत्री शुक्र हैं. बुध और शुक्र की वजह से नववर्ष सभी के लिए शुभ रहेगा. मंत्री शुक्र सभी के जीवन में वैभव लाएगा. आपके द्वारा किए जाने वाले कार्य सफल होंगे. इसमें व्यापारियों को इस साल बड़े लाभ मिल सकते हैं, व्यापार का विस्तार हो सकता है. लिहाज़ा इस बार ये साल हर किसी के लिए कुछ न कुछ नया और शुभ ले कर आने वाला है.
सुख-समृद्धि बढ़ेगी
पुरोहित पुजारी विद्वत संघ के प्रदेश महामंत्री ज्योतिषाचार्य पंडित राम चरण शास्त्री ने बताया कि बुध के राजा होने से सुख-समृद्धि बढ़ेगी. धार्मिक कार्यक्रम ज्यादा होंगे. शुक्र के मंत्री होने से वैभव और संपत्तियों में बढ़ोतरी होगी. ज्योतिषाचार्य रामचरण शास्त्री ने बुंदेलखंड के पंचांग का विधिवत पूजन करते हुए सभी भक्तों से निवेदन करते हुए कहा है कि नवरात्रि के दिनों में सभी को अपने-अपने घर में माता की चौकी लगानी चाहिए और जितनी हो सके उतनी अधिक उपासना आराधना मां आदिशक्ति जगत जननी जगदंबा की करनी चाहिए.
रोगों से मुक्ति मिलेगी
मां जगदंबा की उपासना करने से आप धन-धान्य से पूर्ण रहेंगे रोगों से मुक्ति रहेगी और उनकी कृपा आप पर बनी रहेगी. इस नवरात्रि पर अपने इष्ट देव की भी आराधना करें मंत्रों का जाप करें.इस चैत्र में नवरात्रि की शुरुआत में गुरु अपनी राशि मीन में सूर्य के साथ रहेगा. शनि अपनी राशि कुंभ में है. शुक्र और राहु की युति मेष राशि में रहेगी.
संयम से काम करेंगे तो बेहतर रहेगा
शनि की तीसरी पूर्ण दृष्टि शुक्र-राहु पर रहेगी. इस वजह से चैत्र नवरात्रि में इस तंत्र से जुड़े काम जल्दी सफल हो सकते हैं. ये नवरात्रि में सभी को सफलता दिलाने वाली रहेगी. इस समय में संयम से काम करेंगे तो बेहतर रहेगा. बता दें कि पहले पंडितों के द्वारा अपने अपने हिसाब से पंचांग लिए जाते थे,जिनमें तीज त्यौहार और तिथियों को लेकर असमंजस की स्थिति बनती थी. फिर इस समस्या का समाधान करने के लिए संभाग स्तर पर ब्राह्मण पुजारी विद्वत संघ का गठन किया गया.
बुंदेली पंचांग तैयार
इसके बाद अब पिछले 3-4 सालों से ज्योतिष आचार्यों के द्वारा गणना करने के बाद बुंदेली पंचांग तैयार किया जाता है जिसका नाम बुंदेलखंड पंचांग दिया गया है अब यही पंचांग सभी जानकार और पंडितों के द्वारा अपने पास रखा जाता है जिसकी वजह से उन्हीं तिथियों और उन्हीं त्योहारों को सही समय पर मनाया जा रहा है.
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Tags: Astrology, Chaitra Navratri, New year, Varshik Rashifal
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