रिपोर्ट: अनुज गौतम
सागर: देशभर में गुरुवार को रामनवमी की धूम रही. हर जगह पर भव्य और उत्साह पूर्वक राम जन्म उत्सव मनाया गया. चैत्र महीने की नवमी तिथि को ही भगवान राम के जन्म की मान्यता है. सागर के प्रसिद्ध वृंदावन बाग मंदिर में भी राम जन्मोत्सव उमंग उत्साह हर्ष के साथ मनाया गया.
जैसे ही रामलला का जन्म हुआ तो द्वार पर खड़े गजराज नाच उठे. बैंड बाजे बजने लगे, बधाई होने लगी, राम नाम के जयकारे लगने लगे , भगवान राम लला का प्रकट उत्सव देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे हुए थे. यहां पर भगवान राम का दरबार सजाया गया था उनका सोलह शृंगार हुआ था.
पिछले 3 दिनों से प्रसाद बन रहा था भगवान राम को देवों के प्रिय मालपुआ का भोग लगाया गया है जिसकी तैयारी पिछले 2 दिन से चल रही थी करीब 5 क्विंटल मालपुआ बनाए गए थे,जिनका वितरण किया गया.
300 साल पुराना है मंदिर
सागर का वृंदावन बाग मंदिर, मराठा कालीन मंदिर है जो करीब 300 साल से भी ज्यादा पुराना है. तब से ही यहां राम जन्म मनाने की परंपरा चली आ रही है महंत नरहरी दास ने बताया कि रामत्व को जानने के लिए राम प्रकट उत्सव मनाया जाता है. सुबह 11:30 बजे महाआरती शुरू की गई थी 12:00 बजे मंदिर के पट खोले गए तो लोगों ने पुष्प वर्षा कर भगवान का स्वागत किया. इसके बाद ज्वाला से उनकी भव्य आरती की गई अन्य सभी मंदिर के पट भी खोले गए.
मालपुआ का लगा भोग
यह दिगंबर अखाड़े का राम प्रधान मंदिर है. रामानंद संप्रदाय के इस मंदिर में रामनवमी विशेष पर्व के रूप में मनाई जाती है. ठाकुर जी की विशेष तैयारी के लिए यहां पर मालपुए का भोग तैयार किया जाता है. मालपुए देवों के लिए अति प्रिय माने जाते हैं, इसलिए उन्हें इनका भी रामनवमी पर लगाया जाता है. इस दौरान पूरे दिन कार्यक्रम चलते रहते हैं.
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