रिपोर्ट: अनुज गौतम
सागर: बुंदेलखंड के सागर में आदिवासी एवं जनजातीय राष्ट्रीय लोक नृत्य महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें 2 राज्यों के 70 कलाकारों द्वारा 8 लोक नृत्यों की प्रस्तुतियां देकर समां बांधा गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री पंडित रामसहाय पांडे रहे. लोक उत्सव में बुंदेलखंड का प्रसिद्ध लोक नृत्य बधाई, मध्य प्रदेश का नौरता बरेदी, छिंदवाड़ा का गैडी व शैला, उत्तर प्रदेश से आए कलाकारों ने ढिमरयाई राई नृत्य पर शानदार प्रस्तुतियां दी.
सागर जिले के डूगासरा गांव में बुंदेली लोक नृत्य व नाट्य कला परिषद के द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से किया गया था. आयोजन में आए कलाकारों ने अपनी रमणीय प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. मां कर्मा देवी जयंती के अवसर पर आयोजित इस लोकोत्सव में ग्राम डुंगासारा के लक्ष्मीनारायण यादव की टीम ने बरेदी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी.
छिंदवाड़ा से जनमानस लोकनृत्य दल विजय बन्देवार की टीम ने शैला गेडी नृत्य, शैला नृत्य एवं आदिवासी गौड़ी नृत्य की प्रस्तुतियां दीं. झांसी से पधारे राधा प्रजापति की टीम ने बुंदेली ढिमरयाई एवं लोकनृत्य राई की मनमोहक प्रस्तुतियों से समां बांध दिया. सागर से निधि चौरसिया की टीम ने नोरता व बधाई नृत्य की रंगारंग प्रस्तुति देकर सहभागिता की. जयमहाकाल डमरू दल लिधौरा खुर्द द्वारा भी शानदार प्रस्तुति दी गई.
प्रतिभा देख झूम उठे
कार्यक्रम में कलाकारों की नृत्य प्रतिभा को देख मुख्य अतिथि पद्मश्री रामसहाय पांडे खुद भी झूम उठे. उन्होंने प्रशस्ति पत्र देकर कलाकारों का सम्मान किया. संचालन डॉ. के कृष्णा राव द्वारा किया गया. लोकोत्सव कार्यक्रम में छिंदवाड़ा से 25, झांसी उत्तर प्रदेश से 22, और सागर से सबसे अधिक 40 कलाकारों ने भाग लिया. संस्कृति मंत्रालय के द्वारा आदिवासी एवं जनजातीय लोकोत्सव का यह 29वां आयोजन संपन्न किया गया.
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