सतना जिले के चित्रकूट इलाके के सुरंगी गांव की सोमवती गंभीर बीमारियों से पीड़ित थी. लेकिन महिला बाल विकास विभाग की देखरेख में अब वो स्वस्थ हो गई है.
सतना. कुछ दिनों पहले सतना जिले से एक आदिवासी बच्ची की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी. महज 7 साल की बच्ची का वजन सिर्फ 7 किलो रह गया था. उसके शरीर में सिर्फ हड्डियां ही हड्डियां दिख रही थी. इतना ही नहीं बल्कि उसके मां-बाप ने भी उसे छोड़ दिया था. वायरल वीडियो को देख सतना जिला प्रशासन ने बच्ची के इलाज का जिम्मा उठाया.
सतना जिले के आदिवासी इलाके चित्रकूट सुरंगी गांव की रहने वाली इस बच्ची का नाम सोमवती है. 7 साल की सोमवती का वजन सिर्फ 7 किलो रह गया था. बच्ची की हालत ऐसी थी कि उसके शरीर में सिर्फ हड्डियां ही नजर आ रही थीं. बच्ची का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था. फिर इस पर प्रशासन की नजर पड़ी. इसके बाद महिला बाल विकास विभाग ने बच्ची का इलाज कराने का बीड़ा उठाया.
गंभीर बीमारियों से पीड़ित थी सोमवती
सोमवती को इलाज के लिए सतना जिला अस्पताल लाया गया. यहां जांच में सामने आया कि बच्ची डायबिटीज रोग से पीड़ित है. इसके बाद 3 माह तक इलाज चला लेकिन परेशानियों ने सोमवती का पीछा कहां छोड़ा था. इलाज के दौरान सोमवती की आंखों में गंभीर बीमारी का पता चला. इसका इलाज कराने के लिए उसे भोपाल के एम्स हॉस्पिटल भेजा गया. यहां डॉक्टरों ने सोमवती की आंखों का सफल ऑपरेशन किया. इस तरह लगभग 5 महीने तक सोमवती का इलाज चलता रहा. जिला प्रशासन ने बच्ची का इलाज के दौरान पूरा ख्याल रखा.
सोमवती को धूमधाम से घर रवाना किया
अब सोमवती पूरी तरह स्वस्थ हो गई है. उसका वजन पहले से दोगुना यानी कि लगभग 14 किलो हो चुका है. 5 महीने के इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी हो गई. सोमवती को उसके नाना के साथ सकुशल घर रवाना किया गया है. इस दौरान जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा और महिला बाल विकास अधिकारी सौरभ सिंह समेत अन्य अधिकारियों ने सोमवती की आरती की. नए कपड़े भेंट किए और कई सारे गिफ्ट भी दिए. फिर धूमधाम से सोमवती की घर वापसी की गई. सोमवती को उसके नाना के साथ कार से घर रवाना किया गया है.
महिला बाल विकास विभाग ने बदली बच्ची की तस्वीर
सतना जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा ने बताया महिला बाल विकास विभाग ने सोमवती की देखरेख में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. हर दिन पौष्टिक आहार के लिए नाना को नगद राशि दी. साथ ही इन्सुलिन इंजेक्शन की हर दिन डोज देने के लिए नाना और मौसी को प्रशिक्षण भी दिया है. महिला बाल विकास अधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि सोमवती गंभीर बीमारी से ग्रसित थी. सोशल मीडिया में वायरल तस्वीर ने सोमवती की किस्मत बदल दी और पांच माह पूर्व दिखने वाली सोमवती का कायाकल्प हो गया.
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