रिपोर्ट – प्रदीप कश्यप
सतना. कहते हैं आप सतना आएं और खुरचन न खाएं तो फिर यहां के लाजवाब स्वाद को नहीं जान पाएंगे. आप सोच रहे होंगे कि यह खुरचन क्या है, आपको बता दें कि सतना जिले की प्रसिद्ध और लज़ीज़ मिठाइयों में से एक खुरचन है, जो पूरी तरह से रसायनमुक्त है. खुरचन वह मिठाई है, जो शुद्ध दूध से बनाई जाती है और सभी लोग अपने घर में बनाकर नेशनल हाईवे के किनारे बैठकर इसे बेचते हैं. हाईवे से गुज़रने वाले राहगीर खुरचन की मिठाई ज़रूर चखते और साथ ले जाते हैं.
मध्य प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी अब इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. सतना जिले की सबसे फेमस मिठाई की अगर बात करें तो जिला मुख्यालय से महज 25 किलोमीटर दूर रामपुर बघेलान तहसील खुरचन के नाम से प्रसिद्ध है. यहां सड़कों के किनारे नेशनल हाईवे पर बैठे दुकानदारों के पास खुरचन की भरमार है. हाईवे से गुजरने वाला हर दूसरा व्यक्ति खुरचन का शौकीन है.
शुद्ध दूध से बनाई गई यह मिठाई अपने स्वाद के लिए प्रदेश भर में प्रसिद्ध है, जो व्यक्ति सतना के बारे में जानता है वह इस खुरचन को खाए बिना यहां से नहीं लौटता. यह खुरचन रामपुर बघेलान तहसील के बागहाई, तपा, बांधा, खारी, सगौनी, निमुआ, जमुना, बैरिहा सहित दर्जनों गांवों के लोग अपने घरों में तैयार करते हैं. फिर सड़कों के किनारे बैठकर बेचते हैं. यह खुरचन यहां के कई गांवों के लोगों के जीविका का साधन है. यह मिठाई असल में सालों पुरानी परंपरा है, जिसे लोग आज भी संजोए हुए हैं.
खुरचन बनाने वाले व्यापारी शिवेंद्र सिंह ने बताया कि खुरचन लोहे की कढ़ाई में बनाया जाता है. एक एक पाव दूध पका-पका कर बनाया जाता है. यह पूरी तरह से शुद्ध होती है. इसमें किसी भी प्रकार के केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता. 1 किलो खुरचन बनाने में 300 रुपये की लागत आती है और 350 रुपये में यह बाजार में बिकती है.
सिंह के मुताबिक हम लोगों का पूरा जीवन यापन इसी से है. रामपुर बघेलान के कई गांवों में करीब ढाई सौ घरों में यह बनाया जाता है. 5 लीटर दूध से 1 किलो खुरचन तैयार होता है. सतना के लोग इसे अपनी धरोहर मानते हैं. इसे गाय और भैंस दोनों के दूध से बनाया जाता है.
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