मध्यप्रदेश में कमल नाथ सरकार की कर्जमाफी के बाद लगातार भ्रष्टाचार और गबन के मामले सामने आ रहे हैं. सतना जिले के दुरेहा सहकारी बैंक में भी करोड़ों का भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. हद तो तब हो गई जब 20 साल पहले मरे किसानों के नाम भी कर्जमाफी के तहत सामने आये. जानकारी के मुताबिक करीब तीन सौ से ज्यादा किसान ऐसे हैं, जिन्होंने बैंक से कर्ज लिया ही नहीं और वो कर्जदार हो गए हैं. मामले का खुलासा ऋण माफी की सूची जारी होने के बाद हुआ है. किसानों ने जिला प्रशासन से शिकायत कर मामले की जांच की मांग की है.
मामला सतना के दुरेहा सेवा सहकारी बैंक का है जहां तीन करोड़ से ज्यादा का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है. दरअसल, सरकार की किसान ऋण माफी योजना के तहत कर्जदार किसानों की सूची पंचायतों में चस्पा की गई. दुरेहा सोसायटी के तहत कर्जदार किसानों की सूची जब चस्पा की गई तो यहां हड़कंप मच गया. सोसायटी में करीब 1800 किसान कर्जदार हैं, जिसमें 500 किसानों के नाम पर फर्जी ऋण निकाला गया है.
सार्वजनिक रुप से चस्पा हुई सूची में करीब 100 किसान ऐसे हैं, जिनकी कई साल पहले मौत हो चुकी हैं. इसके अलावा 100 से ज्यादा ऐसे किसान हैं, जिन्होंने समिति से कभी कर्ज लिया ही नहीं था, जबकि कुछ ऐसे किसान है जिन्होंने 5000 रुपये का कर्ज लिया था जिसे एक लाख दिखाया गया है. मामला उजागर होने के बाद किसानों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर प्रशासन से पुरे मामले की जांच कराने की मांग की.
इस मामले में संयुक्त कलेक्टर संस्कृति शर्मा का कहना है कि कर्जमाफी में जो भी भ्रष्टाचार का मामला सामने आ रहा है उसकी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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