रिपोर्ट: प्रदीप कश्यप
सतना: रामनवमी के दिन भगवान श्री कामतानाथ के कामदगिरि पर्वत की 5 किलोमीटर की परिक्रमा करने से भक्तों के सभी कष्टों का निवारण होता है. भगवान कामतानाथ के कामदगिरि पर्वत की अगर हम बात करें तो यहां पर भगवान कामतानाथ के मंदिर की स्थापना श्री राम भगवान के द्वारा की गई थी. जब प्रभु श्रीरामजी को 14 वर्ष का वनवास हुआ था, तब भगवान श्री राम ने अपने वनवास काल के 11 साल 11 महीने 11 दिन माता सीता और लक्ष्मण के साथ चित्रकूट में बिताए थे. यहां पर कामदगिरि परिक्रमा मार्ग बहुत ही पवित्र स्थान माना जाता है. इस परिक्रमा मार्ग में मौजूद है भगवान कामतानाथ का वर्षों पुराना मंदिर. जिसे भगवान श्री रामचंद्र के वनवास काल के दौरान इस ख्याति प्राप्त हुई थी, कामदगिरि पर्वत के चारों दिशाओं पर कामतानाथ के 4 मंदिर बने हुए हैं, जिन्हें कामतानाथ मंदिर के रूप में जाना जाता है.
यहां पर श्रद्धालु रामघाट में मां मंदाकिनी नदी में स्नान करने के बाद नंगे पांव 5 किलोमीटर कामदगिरि पर्वत की परिक्रम करते हैं. वहीं श्री राम नवमी के दिन यहां पर परिक्रमा लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है.जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से इस परिक्रमा को पूरा करता है तो प्रभु श्री राम उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
ऐसे हुई भगवान कामतानाथ की स्थापना
ऐसी मान्यता है कि जब भगवान श्री रामचंद्र माता सीता और लक्ष्मण वनवास काल के दौरान यहां पर रुके थे, और वनवास के बाद जब यहां से भगवान श्री रामचंद्र जाने लगे तब कामदगिरि पर्वत निराश हो गए थे, और उन्होंने ने भगवान से कहा कि भगवान आप जब यहां से चले जाएंगे तो हमें कौन जानेगा.तब उन्हें भगवान श्री रामचंद्र जी ने कामदगिरि पर्वत को इच्छा पूर्ति पर्वत का वरदान दिया और यहां पर भगवान कामतानाथ मंदिर को ख्याति प्राप्त हुई, साथ ही भगवान ने कहा कि जो भी व्यक्ति इस कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा पूरी करेगा उसके सभी दुखों एवं कष्टों का निवारण होगा, तब से लेकर यह परिक्रमा आज तक निरंतर चली आ रही है.
श्री रामनवमी पर कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा का महत्व
भगवान कामतानाथ मंदिर के पुजारी धीरज दास ने बताया कि राम नवमी के अवसर पर भगवान कामतानाथ के कामदगिरि पर्वत कि 5 किलोमीटर की परिक्रमा को पूरा करना बहुत विशेष महत्व माना जाता है, यहां पर श्री राम नवमी में लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां मंदाकिनी नदी में स्नान के बाद कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा करते हैं और भगवान श्री राम सभी के मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.इस परिक्रमा मार्ग पर प्रभु श्री राम की अनुभूति होती है, इसके अलावा यहां पर हर अमावस्या को पूरे देश भर से श्रद्धालु परिक्रमा करने के लिए आते हैं.
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