मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सीहोर (Sehore) जिला न्यायालय (District Court) की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्रीमती स्मृता सिंह ठाकुर (
) ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने अपनी ही 12 साल की नाबालिग बेटी से हैवान बनकर दुष्कर्म (Rape) करने वाले पिता को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा सुनाई है. इस फैसले के बाद अब दोषी अपनी जिंदगी की अंतिम सांस तक जेल में सजा काटेगा. इसके अलावा कोर्ट ने दोषी को 10 हजार रुपए के अर्थदंड (Penalty Money) से भी दंडित किया है.
यह घटना 23 नवंबर वर्ष 2018 को जिले के कालापीपल थाना क्षेत्र के एक छोटे से ग्राम में घटित हुई थी. 40 वर्षीय महेश भारती (दोषी पिता) ने अपनी ही 12 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था. घटना की जानकारी मिलने के बाद पीड़ित बच्ची की मां ने इस घटना का समर्थन नहीं किया, तब न्यायालय ने डीएनए टेस्ट करवाया और उसकी रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया.
बता दें कि मामले में कालापीपल पुलिस ने आईपीसी की धारा 376, 5/6 पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर दोषी पिता को गिरफ्तार किया था. मामले की जानकारी सीहोर जिला न्यायालय के विशेष लोक अभियोजक केदार सिंह कौरव ने दी है.
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि जब कोई लड़की अपने सेफ जोन कहे जाने वाले घर में सेफ नहीं है तो वह कहीं भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर सकती है. बहरहाल, कोर्ट का ये ऐतिहासिक फैसला सराहनीय है.
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FIRST PUBLISHED : January 31, 2020, 07:55 IST