जादू-टोने में छिपा था मर्डर का राज, पुलिस ने यूं किया खुलासा

हत्या का खुलासा
दशरत का अचानक अशोक पिंद्रे और सिरजू पिंद्रे से जमीन को लेकर विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि अशोक ने दशरत के सिर पर लाठियों से वार कर दिया.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: April 14, 2018, 3:03 PM IST
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में कुएं में शव मिलने के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि जमीनी विवाद और जादू टोने के शक में रिश्तेदारों ने दशरथ लाल की हत्या की थी.
जानकारी के अनुसार, केवलारी थाना के छिंदा गांव में रहने वाले दशरथ नाम के व्यक्ति की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है. पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर किया. पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो उन्होंने अपना गुनाह कबूल करते हुए बताया कि आरोपी अशोक पन्द्रे की पत्नी की मौत हो जाने के कारण वह दशरथ के ऊपर जादू टोने का शक करता था. 27 दिसंबर को दशरत जब घर से खेत में सिंचाई करने के लिए निकला तो वहां अशोक भी पहुंच गया. दशरत का अचानक अशोक पिंद्रे और सिरजू पिंद्रे से जमीन को लेकर विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि अशोक ने दशरत के सिर पर लाठियों से वार कर दिया. लाठी लगने के बाद दशरत छोटी नहर में गिर गया. चोट इतनी गहरी थी कि दशरत ने मौके पर दम तोड़ दिया.
हादसे के बाद अशोक और सिरजू ने अन्य साथी भुवन पन्द्रे, शिवराम राजपूत और बालकराम राजपूत के साथ मिलकर शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई. पांचों लोगों ने दशरथ के शव को लकड़ी में टांगकर घटना स्थल से आधा किमी दूर गणेश परते के खेत में स्थित में ले गए. पांचों लोगो ने दशरत के शव को उसी कंबल में लपेटकर तीन बड़े पत्थर बांधने के बाद कुएं में फेंक दिया.
केवलारी पुलिस ने बताया कि दशरत के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट 29 दिसंबर को कराई थी. दशरत का शव 8 अप्रैल को कुएं में पड़ा मिला था. इसके बाद पुलिस ने अपनी छानबीन करते हुए आरोपियों को तीन दिन में गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने पांचों आरोपियों पर मामला दर्ज कर उन्हें कोर्ट में पेश भी कर दिया.
जानकारी के अनुसार, केवलारी थाना के छिंदा गांव में रहने वाले दशरथ नाम के व्यक्ति की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है. पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर किया. पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो उन्होंने अपना गुनाह कबूल करते हुए बताया कि आरोपी अशोक पन्द्रे की पत्नी की मौत हो जाने के कारण वह दशरथ के ऊपर जादू टोने का शक करता था. 27 दिसंबर को दशरत जब घर से खेत में सिंचाई करने के लिए निकला तो वहां अशोक भी पहुंच गया. दशरत का अचानक अशोक पिंद्रे और सिरजू पिंद्रे से जमीन को लेकर विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि अशोक ने दशरत के सिर पर लाठियों से वार कर दिया. लाठी लगने के बाद दशरत छोटी नहर में गिर गया. चोट इतनी गहरी थी कि दशरत ने मौके पर दम तोड़ दिया.
हादसे के बाद अशोक और सिरजू ने अन्य साथी भुवन पन्द्रे, शिवराम राजपूत और बालकराम राजपूत के साथ मिलकर शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई. पांचों लोगों ने दशरथ के शव को लकड़ी में टांगकर घटना स्थल से आधा किमी दूर गणेश परते के खेत में स्थित में ले गए. पांचों लोगो ने दशरत के शव को उसी कंबल में लपेटकर तीन बड़े पत्थर बांधने के बाद कुएं में फेंक दिया.
केवलारी पुलिस ने बताया कि दशरत के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट 29 दिसंबर को कराई थी. दशरत का शव 8 अप्रैल को कुएं में पड़ा मिला था. इसके बाद पुलिस ने अपनी छानबीन करते हुए आरोपियों को तीन दिन में गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने पांचों आरोपियों पर मामला दर्ज कर उन्हें कोर्ट में पेश भी कर दिया.