सिवनी में 375 सरकारी स्कूल बंद होने की कगार पर, 75 में 10 से कम छात्र

स्कूल की फाइल फोटो
मध्य प्रदेश के सिवनी में 'स्कूल चलें हम' अभियान के सर्वे में चौंकाने वाली जमीनी हकीकत सामने आई है. सर्वे के मुताबिक जिले के करीब 375 सरकारी प्राथमिक और मिडिल स्कूल बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं.
- ETV MP/Chhattisgarh
- Last Updated: June 12, 2017, 2:44 PM IST
मध्य प्रदेश के सिवनी में 'स्कूल चलें हम' अभियान के सर्वे में चौंकाने वाली जमीनी हकीकत सामने आई है. सर्वे के मुताबिक जिले के करीब 375 सरकारी प्राथमिक और मिडिल स्कूल बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं.
शिक्षा विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद इन स्कूलों के बच्चों की दर्ज संख्या नहीं बढ़ पाई है. सभी 375 स्कूलों में बच्चों की संख्या 20 से भी कम है. इन 375 स्कूलों में से 75 स्कूल ऐसे भी शामिल हैं जिनमें बच्चो की संख्या 10 से कम हैं.
जिला शिक्षा केंद्र ने इन 375 स्कूलों को वर्तमान सत्र में चिन्हित कर रिपोर्ट स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल को भेजी है. जिले के डीपीसी का कहना है कि इन सभी जगहों में जन चौपाल लगाकर आगामी सत्र के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
इसका मकसद आसपास के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना है.यदि इसके बावजूद स्कूलों में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ती है तो ऐसे स्कूलों को बंद कर बच्चों को पास के किसी स्कूल में समायोजित करने की कार्रवाई की जाएगी.
इसके लिए जिला प्रशासन और जनप्रितिनिधियों से बात की जाएगी.
वहीं इस सर्वे ने एक बात दो साफ कर दी है कि विगत वर्षों में जिले में स्कूल चले हम अभियान को लेकर शिक्षा विभाग कितना संजीदा रहा है.
शिक्षा विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद इन स्कूलों के बच्चों की दर्ज संख्या नहीं बढ़ पाई है. सभी 375 स्कूलों में बच्चों की संख्या 20 से भी कम है. इन 375 स्कूलों में से 75 स्कूल ऐसे भी शामिल हैं जिनमें बच्चो की संख्या 10 से कम हैं.
जिला शिक्षा केंद्र ने इन 375 स्कूलों को वर्तमान सत्र में चिन्हित कर रिपोर्ट स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल को भेजी है. जिले के डीपीसी का कहना है कि इन सभी जगहों में जन चौपाल लगाकर आगामी सत्र के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
इसका मकसद आसपास के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना है.यदि इसके बावजूद स्कूलों में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ती है तो ऐसे स्कूलों को बंद कर बच्चों को पास के किसी स्कूल में समायोजित करने की कार्रवाई की जाएगी.
इसके लिए जिला प्रशासन और जनप्रितिनिधियों से बात की जाएगी.
वहीं इस सर्वे ने एक बात दो साफ कर दी है कि विगत वर्षों में जिले में स्कूल चले हम अभियान को लेकर शिक्षा विभाग कितना संजीदा रहा है.