शिवराज का वादा नहीं हुआ पूरा, 10 हजार किसानों ने शुरू किया आंदोलन

File Photo- Shivraj
सीएम शिवराज सिंह ने नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान ने तालाब के निर्माण कार्य के लिए लगभग 13 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी.
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated: May 7, 2018, 11:43 AM IST
मध्य प्रदेश में सिवनी जिले के किसानों ने पेयजल और सिंचाई की समस्या को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है. किसान तालाब का गहरीकरण और पक्की सड़क की भी मांग कर रहे हैं. इस आंदोलन को तीन पंचायत के लगभग 10 हजार किसानों ने समर्थन दिया है.
दरअसल, जिले के घंसौर ब्लॉक अंतर्गत दिवारी समेत आसपास के दर्जनों गांव में किसानों ने आंदोलन शुरु किया है. इलाके के किसानों का कहना है दिवारी ग्राम में 64 एकड़ तालाब सूख जाने से इलाके में पेयजल और सिंचाई की समस्या बन गई है. तालाब में शिल्ट जमा होने के कारण 64 एकड़ का तालाब 6 एकड़ में सिमट कर रह गया है. इसलिए किसान तालाब का गहरीकरण और इलाके में पक्की सड़क की मांग कर रहे हैं.
खास बात यह है सीएम शिवराज सिंह ने नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान तालाब के निर्माण कार्य के लिए लगभग 13 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक कोई अधिकारी इस बात की जानकारी देने गांव नहीं पहुंचा है, जिससे नाराज किसानों ने अब आंदोलन की शुरुआत कर दी है.
इस आंदोलन को तीन पंचायत के लगभग 10 हजार किसानों ने समर्थन दिया है. किसानों का कहना है कि अगर मांग पूरी नही होती है तो वह लगातार आंदोलनों के बाद भूख हड़ताल और चक्का जाम जैसा आंदोलन करेंगे और अगर इसके बाद भी प्रशासन और सरकार उनकी बात नहीं सुनती है तो 3 ग्राम पंचायत में रहने वाले सभी ग्रामीण भविष्य में होने वाले सभी चुनाव का बहिष्कार कर देंगे.
दरअसल, जिले के घंसौर ब्लॉक अंतर्गत दिवारी समेत आसपास के दर्जनों गांव में किसानों ने आंदोलन शुरु किया है. इलाके के किसानों का कहना है दिवारी ग्राम में 64 एकड़ तालाब सूख जाने से इलाके में पेयजल और सिंचाई की समस्या बन गई है. तालाब में शिल्ट जमा होने के कारण 64 एकड़ का तालाब 6 एकड़ में सिमट कर रह गया है. इसलिए किसान तालाब का गहरीकरण और इलाके में पक्की सड़क की मांग कर रहे हैं.
खास बात यह है सीएम शिवराज सिंह ने नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान तालाब के निर्माण कार्य के लिए लगभग 13 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक कोई अधिकारी इस बात की जानकारी देने गांव नहीं पहुंचा है, जिससे नाराज किसानों ने अब आंदोलन की शुरुआत कर दी है.
इस आंदोलन को तीन पंचायत के लगभग 10 हजार किसानों ने समर्थन दिया है. किसानों का कहना है कि अगर मांग पूरी नही होती है तो वह लगातार आंदोलनों के बाद भूख हड़ताल और चक्का जाम जैसा आंदोलन करेंगे और अगर इसके बाद भी प्रशासन और सरकार उनकी बात नहीं सुनती है तो 3 ग्राम पंचायत में रहने वाले सभी ग्रामीण भविष्य में होने वाले सभी चुनाव का बहिष्कार कर देंगे.