वनिशा और अब उनके कानूनी संरक्षक मामा-मामी ने अदार पूनावाला को शुक्रिया कहा. यह फोटो कोविड से पहले वनिशा पाठक की अपने माता-पिता और भाई के साथ की है. (फाइल फोटो)
भोपाल. कोविड काल में कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया था. इन्हीं में से एक वनिशा पाठक भी हैं. पैरेंट्स के न रहने पर भी 10वीं में भोपाल से टॉप कर चुकी वनिशा के घर की ईएमआई बाउंस हो गई.
ऐसे में बच्ची की मदद के लिए आगे आए सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला. उन्होंने वनिशा के घर का न केवल पूरा कर्जा चुकाया. बल्कि उसका पजेशन भी दिलवाया. पूनावाला के इस काम की सोशल मीडिया में जमकर तारीफ हो रही है.
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नाबालिक होने की वजह से एलआईसी ने रोक दिए थी सभी तरह के भुगतान
वनिशा पाठक के पिता एलआईसी के एजेंट थे. उन्होंने घर के लिए एलआईसी से होम लोन लिया था. कोविड 19 की दूसरी लहर यानी मई 21 में माता-पिता का निधन हो गया. तब वनिशा की उम्र महज 17 साल थी. नाबालिग होने की वजह से एलआईसी ने वनिशा के पिता की सभी बचत और कमीशन को रोक दिया था जो उसे हर महीने मिलता था. वनिशा ने कई बार अधिकारियों को कर्ज चुकाने के लिए समय देने के लिए लिखा था. लेकिन नोटिस मिलने शुरू हो गए.
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तुम्हारे बिना, मैं एक मजबूत लड़की बनूंगी डैडी
माता-पिता की मौत के बाद वनिशा ने 10वीं बोर्ड की परीक्षा दी. इसमें 99.8 फीसदी अंकों के साथ वनिशा भोपाल की टॉपर बनी. तब भावुक वनिशा ने एक कविता लिखी थी कि ‘ तुम्हारे बिना, मैं एक मजबूत लड़की बनूंगी डैडी’. इसी बीच, जब एलआईसी हाउसिंग फाईनेंस ने घर की ईएमआई के लिए नोटिस देने शुरू किए तो मीडिया में मामला सामने आया. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला सहित कई लोगों ने होम लोन का भुगतान करने की पेशकश की.
मदद भी कानूनी उलझन में उलझी
अदार पूनावाला ने मदद करनी चाही लेकिन वनिशा के बालिक और कोई कानूनी अभिभावक न होने की वजह से यह कानूनी मुद्दों में उलझ गई. यहां तक कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी मामले पर ध्यान दिया था और एलआईसी को इस मामले को देखने को कहा था. इन सबके बाद भी नोटिस देना जारी रहा. वनिशा को आखिरी नोटिस फरवरी 22 में मिला.
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वनिशा 18 की हुईं तो अदार ने निभाया अपना वादा
इसी साल नवंबर में वनिशा पाठक 18 साल की हो गई है. ऐसे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ साइरस पूनावाला, सीईओ विल्लू पूनावाला फाउंडेशन और अदार पूनावाला ने उसे होम लोन चुकाने के लिए 27.47 लाख रुपए दिए हैं. विल्लू पूनावाला फाउंडेशन के सीईओ जसविंदर नारंग ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ साइरस पूनावाला और सीईओ अदार पूनावाला बहुत ही भावनात्मक लोग हैं. वे चाहते हैं कि बच्चे अब अपनी शिक्षा पर ध्यान दें और बिल्कुल तनाव मुक्त रहें.
माता-पिता की निशानी बचाने के लिए वनिशा ने कहा- थैंक्यू अंकल
वनिशा पाठक ने माता-पिता की निशानी यानी उनके घर बचाने के लिए कहा- थैंक्यू अदार पूनावाला अंकल जी. वनिशा ने भावुक होते हुए कहा कि माता-पिता के खोने के बाद यही हमारे पास आखिरी चीज थी. हम अंकल की मदद के लिए आभारी रहेंगे. बता दें कि वनिशा अब 12वीं में है. वनिशा और उसका छोटा भाई अपने मामा-मामी प्रोफेसर अशोक शर्मा और भावना शर्मा के साथ रहते हैं. हाल ही में भोपाल की एक अदालत से उन्हें बच्चों का कानूनी संरक्षक का हक मिला है. प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि हम पूनावाला जी की मदद के लिए आभारी हैं. वनिशा की मामी और प्रोफेसर अशोक शर्मा की पत्नी भावना शर्मा ने कहा कि ऐसे लोगों ने एक मिसाल कायम की है कि अच्छे लोग समाज में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं. हम बच्चों की देखभाल कर रहे हैं और उन्हें सर्वश्रेष्ठ जीवन देने की कोशिश कर रहे हैं.
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