सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में एक युवती के दूसरे समाज के युवक से प्रेम विवाह करने पर आदिवासी समाज की पंचायत ने तालिबानी फरमान सुनाया है. पंचायत ने युवती के परिवार को समाज से बेदखल कर दिया है. पंचायत ने अपने फरमान में कहा कि परिवार को समाज में तभी वापस लिया जाएगा, जब उनकी बेटी और दामाद ना सिर्फ पंचों की जूठन खाए, बल्कि चप्पलों को सिर पर रखकर पूरे गांव के चक्कर भी लगाए.
यह बेहद हैरान करने वाला मामला श्योपुर जिला मुख्यालय से सटे सलापुरा आदिवासी बस्ती का है. यहां रहने वाले एक परिवार की बेटी ने ससुराल पक्ष से बेदखल करने के बाद एक अन्य युवक से कोर्ट मैरिज कर ली. आदिवासी पंचायत को एक बेटी का अपनी उजड़ी जिंदगी दोबारा बसाने का फैसला नागवार गुजरा.
समाज की बकायदा पंचायत बुलाई गई, जिसमें युवती के साथ ही उसके पूरे परिवार को समाज से बेदखल करने का फरमान सुना गया था. परिवार ने फैसला बदलने की गुहार लगाई तो पंचायत ने
भारी भरकम जुर्माना लगाने के अलावा बेटी और दामाद को पंचों का जूठन खाने और चप्पल सिर पर रखकर पूरे गांव का चक्कर लगाने का फरमान सुना दिया है.
परिवार का आरोप है कि इस मामले में पुलिस को भी शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसके बाद परिवार एसपी के पास शिकायत लेकर पहुंचा तो पुलिस महकमा हरकत में आया. पंचायत के सदस्यों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है.
वहीं, पंचायत के सदस्य अब भी अपनी बात पर कायम है. उनका कहना है कि दूसरे समाज में शादी करने वाले या शराब बेचने वालो को समाज से बहिष्कृष्त किया जाएगा. समाज में वापसी के लिए उन्हें जूठन खाने और सिर मुंडवाने या सिर पर चप्पल रखकर गांव का चक्कर लगाने के बाद ही समाज में दोबारा शामिल किया जाएगा.
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